प्रशासनिक अधिकारियों के कामकाज का होगा वार्षिक मूल्यांकन
लोकसभा चुनाव बाद से ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रशासनिक कार्याें को लेकर सख्त हो गयी हैं. मुख्यमंत्री एक के बाद एक लगातार बैठकें कर प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता व तेजी लाने के लिए नये दिशानिर्देश भी दे रही हैं. इसके साथ ही मुख्यमंत्री अब प्रशासनिक अधिकारियों के कामकाज की भी समीक्षा करना चाहती हैं.
कोलकाता.
लोकसभा चुनाव बाद से ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रशासनिक कार्याें को लेकर सख्त हो गयी हैं. मुख्यमंत्री एक के बाद एक लगातार बैठकें कर प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता व तेजी लाने के लिए नये दिशानिर्देश भी दे रही हैं. इसके साथ ही मुख्यमंत्री अब प्रशासनिक अधिकारियों के कामकाज की भी समीक्षा करना चाहती हैं. राज्य सचिवालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री अब राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा कर नौकरशाहों के कामकाज के वार्षिक मूल्यांकन पर भी नजर रखना चाहती हैं. बताया गया है कि मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव भगवती प्रसाद गोपालिका से बात कर उन्हें नौकरशाहों के कामकाज के मूल्यांकन में अंक देने के निर्देश दिये हैं. प्रशासनिक पर्यवेक्षकों के मुताबिक, मुख्यमंत्री के इस तरह के निर्देश का समय काफी महत्वपूर्ण है. लोकसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद से ही मुख्यमंत्री पुलिस और प्रशासन पर सख्त हैं. प्रशासनिक हलकों में कई तरह की कमियां और लापरवाही विभिन्न अधिकारियों पर भारी पड़ रही हैं. सूत्रों के मुताबिक अधिकारियों को ””वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट”” (एसीआर या वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट) में यह लिखना होगा कि उन्होंने साल भर में क्या किया है. रिपोर्ट में नये विचार, काम में नवीनता, समय पर काम पूरा होना, काम की गुणवत्ता आदि शामिल किये जाते हैं. वह रिपोर्ट मुख्य सचिव तक पहुंचती है. वह इसकी जांच करते हैं, राय लिखते हैं और अंक (अधिकतम 10 अंक में से) देते हैं. इसके बाद रिपोर्ट विभाग के मंत्री या मुख्यमंत्री तक पहुंचती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है