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ठेका श्रमिकों के सेंट्रल वेज का मुद्दा डीआइसी देखें

सेंट्रल श्रमायुक्त का जवाब

बर्नपुर. सेल आइएसपी के ठेका श्रमिकों को सेंट्रल वेज देने की मांग को लेकर ठेकेदार मजदूर कांग्रेस इंटक ने सेंट्रल श्रमायुक्त को पत्र लिखा था. उस पर जवाब में सेंट्रल उपश्रमायुक्त ने आइएसपी के निदेशक प्रभारी (डीआइसी) को पत्र लिख कर मामले में उचित कदम उठाने का निर्देश दिया है. यह जानकारी ठेकेदार मजदूर कांग्रेस (इंटक) महासचिव अजय राय ने दी. बताया कि ठेका श्रमिकों को सेंट्रल वेज दिये जाने की मांग को लेकर सेंट्रल उपश्रमायुक्त को पत्र लिखा गया था. उसके प्रत्युत्तर में उन्होंने पत्र के जरिये निर्देश दिया है कि आइ्एसपी के डीआइसी इस मामले को देखें. ठेका श्रमिकों के अधिकार के लिए इंटक लगातार आंदोलन कर रहा है. श्री राय ने बताया कि उन्होंने बताया वर्तमान समय में आईएसपी में 9800 के करीब कंट्रेक्टर वर्कस, 3800 परमानेंट वर्कस और स्कील्ड वर्कस तकनीकी प्रशिक्षण डिप्लोमा धारक 1500 के करीब है. वर्ष 2016 से ठेका श्रमिकों के कार्य के एवज में उचित वेतन की मांग को लेकर इंटक आंदोलन कर रहा है. जब इस्को कारखाना का सेल में विलय हुआ था. उसके पूर्व कंटेक्टर्स को स्टेट लेवर लाइसेंस बनता था. लेकिन इस्को के सेल में विलय के बाद सेंट्रल लेवर लाइसेंस बनना शुरू हुआ. जबकि लेवर को वेतन स्ट्रेट वेज के हिसाब से मिलता है. सेंट्रल वेज नहीं मिलता है. उन्होंने बताया कि सेल आईएसपी के कंट्रेक्च्यूल वर्कस को अन स्कील्ड को दैनिक वेज 384 रूपये मिलता है. जबकि सेंट्रल वेज लागू होने से छह सौ के करीब दैनिक वेज मिलेगा. परमानेंट नेचर के जॉब जैसे क्रेन ऑपरेटर्स, डंपर ड्राइवर, लॉको चालक आदि में कंट्रेक्च्यूल वर्कस से काम लिया जाता है. जबकि उनको एस वन का ग्रेड भी नहीं मिलता है. इसे लेकर इंटक शुरुआत से ही विरोध कर रही है. उनकी मांग है कि आईएसपी में सेंट्रल वेज को लागू किया जाये. ठेका श्रमिकों से अपील किया कि इंटक द्वारा जारी इस लड़ाई में उनका साथ दे.

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