कोलकाता. भारत चेंबर ऑफ कॉमर्स ने डीजीयूवी और परकेसो के साथ मिलकर विजन जीरो – भारत और मलयेशिया पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आगाज किया. बुधवार को सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में रूपा एंड कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष और भारत चेंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष पीआर अग्रवाल, इंडो-जर्मन फोकल प्वाइंट (डीजीयूवी) के निदेशक बिमल कांति साहू और इंटरनेशनल सोशल सिक्योरिटी एसोसिएशन (आइएसएसए) के अध्यक्ष व पीइआरसीइएसओ, मलयेशिया के समूह मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ मोहम्मद अजमान बिन दातो अजीज मोहम्मद, बीजी इटीइएम के प्रिवेंशन डिपार्टमेंट के प्रमुख और आइएसएसए विशेष रोकथाम आयोग के अध्यक्ष डॉ जेंस जुहलिंग, राज्य श्रम संस्थान की निदेशक और पश्चिम बंगाल सरकार की अतिरिक्त श्रम आयुक्त मनीषा सरकार भट्टाचार्य, झारखंड सरकार के श्रम विभाग के अधीनस्थ मुख्य कारखाना निरीक्षक मनीष कुमार सिन्हा, पश्चिम बंगाल श्रम विभाग के अधीनस्थ मुख्य कारखाना निरीक्षक आशीष कुमार शिट और कर्मचारी राज्य बीमा निगम क्षेत्रीय कार्यालय, कोलकाता के क्षेत्रीय निदेशक अमरीश कुमार शर्मा सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे. भारत चेंबर ऑफ कॉमर्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश पचीसिया के स्वागत भाषण के साथ सम्मेलन की शुरुआत हुई. अपने संबोधन में डॉ पचीसिया ने इस बात पर जोर दिया कि नियोक्ता और कर्मचारियों को हर कंपनी में व्यावसायिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और स्वास्थ्य जोखिमों को खत्म करने के लिए कैसे एक साथ आना चाहिए. इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि एक सुरक्षित कार्यस्थल अच्छे व्यवसाय के लिए बुनियादी शर्त है. जब कार्यस्थल का वातावरण चोटों और दुर्घटनाओं से मुक्त होता है, तो कर्मचारी अपनी क्षमता को कई स्तरों तक बढ़ाने में सक्षम होते हैं. किसी भी व्यवसाय के लिए कार्यस्थल पर सुरक्षा आवश्यक है, चाहे वह किसी भी आकार का हो, ताकि कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों अपना सर्वश्रेष्ठ आउटपुट दे सकें. सभी हितधारकों को अपने कार्यस्थल में शून्य मृत्यु दर का लक्ष्य रखना चाहिए. हर दुर्घटना को रोका जा सकता है और यह हर व्यावसायिक प्रतिष्ठान का मिशन होना चाहिए.
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