कोलकाता/जमशेदपुर. साध्वी शशिप्रभा का बुधवार को पूर्व मेदिनीपुर जिले में कोलाघाट के पास पांशकुड़ा में सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी. बुधवार सुबह छह बजे साध्वी जी भ्रमण कर रही थीं, तभी वह एक बोलेरो की चपेट में आ गयीं, जिससे साध्वी जी की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी. उनके साथ एक अन्य साध्वी और एक सेविका भी थीं, उन्हें गंभीर चोट आयी है. दोनों घायल महिलाओं को सीएमआरआइ हॉस्पिटल के आइसीयू में भर्ती कराया गया है. यह घटना उस वक्त हुई जब तीन साध्वियां पैदल यात्रा करते हुए कोलकाता से जमशेदपुर के लिए जा रहीं थीं. जमशेदपुर में 15 जुलाई से जैन समुदाय का धार्मिक समागम प्रस्तावित था, उसी में उन्हें मुख्य रूप से आमंत्रित किया गया था. बताया गया है कि शशिप्रभा जी का अंतिम संस्कार गुरुवार सुबह खड़गपुर में किया जायेगा. साध्वी शशिप्रभा जी का नाम घर वालों ने बचपन में किरण कुमारी रखा था, वह ताराचंद गोलेछा और बाला देवी गोलेछा की संतान थीं. वह फलोदी (राजस्थान) से संबद्ध थीं और विक्रम संवत 2001 में भाद्र वद अमावस्या को जन्मी थीं. विक्रम संवत 2014 में ब्यावर में साध्वी शिरोमणि सज्जन जी की शिष्य बनीं और साध्वी शशिप्रभाजी के नाम से विख्यात हुईं. उन्हें विक्रम संवत 2060 में संघ रत्ना से सम्मानित किया गया. उनका कर्म क्षेत्र राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, मेवाड़, बिहार, बंगाल, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु रहा. उन्होंने पश्चिम बंगाल और बिहार में जैन धर्म पर खास ध्यान दिया.
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