गारूई नदी की साफ-सफाई की मांग पर भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी ने 12 घंटे किया धरना-प्रदर्शन
आसनसोल नगर निगम के पूर्व मेयर और भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी के नेतृत्व में सोमवार को मंगल पांडे सेतु के समीप रेलपार इलाके को बुनियादी नागरिक परिसेवा से वंचित करने के आरोप में धरना प्रदर्शन किया गया.
आसनसोल.
आसनसोल नगर निगम के पूर्व मेयर और भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी के नेतृत्व में सोमवार को मंगल पांडे सेतु के समीप रेलपार इलाके को बुनियादी नागरिक परिसेवा से वंचित करने के आरोप में धरना प्रदर्शन किया गया. सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक के 12 घंटे के धरना प्रदर्शन में भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी के साथ पार्षद गौरव गुप्ता, पूर्व पार्षद भृगु ठाकुर, हेमंत मंडल सहित इस क्षेत्र के सैकड़ों की संख्या में भाजपा समर्थकों तथा स्थानीय निवासियों ने धरना प्रदर्शन में हिस्सा लिया.रेल पार इलाके और गारुई नदी के विकास का मुद्दा उठाया
धरना मंच पर पत्रकारों से बात करते हुए जितेंद्र तिवारी ने कहा कि आसनसोल नगर निगम द्वारा जिस तरह से रेलपार इलाके को वंचित किया जा रहा है. उसी के खिलाफ स्थानीय लोगों की नाराजगी को जाहिर करने के उद्देश्य से यह धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 2022 के नगर निगम चुनाव में तृणमूल कांग्रेस तथा भाजपा के साथ सभी विरोधी पार्टी माकपा, कांग्रेस आदि ने गारुई नदी की साफ-सफाई का मुद्दा अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था. लेकिन जोर जबरदस्ती तृणमूल कांग्रेस सत्ता में आ गयी. सत्ता में आने के दो वर्ष बीत जाने के बाद भी इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. इन दो वर्षों में नदी में आई बाढ़ के कारण पांच लोगों की मौत हो चुकी है.
सफाई के नाम पर करोड़ों वसूलने का आरोप
श्री तिवारी ने कहा कि नदी की देखभाल के नाम पर कभी 50 लाख तो कभी एक करोड़ रुपये बतौर चंदा इकट्ठा किया जाता है. जिसके खर्च का हिसाब नहीं बताया जाता हैं. दो वर्षों में आसनसोल नगर निगम प्रशासन पूरी तरह से आसनसोल रेलपार इलाके की जनता को बुनियादी सुविधा महिया करने में पूरी तरह से नाकाम रही है. यहां तक कि विधवा पेंशन, वृद्धा पेंशन तक बंद कर दिया गया है. रेलपार इलाके के लोगों को पेयजल साफ सफाई आदि बुनियादी सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है. इसलिए लोकतांत्रिक पद्धति से 12 घंटे का धरना प्रदर्शन कर नगर निगम प्रशासन को जगाने का प्रयास किया जा रहा है. निगम प्रशासन पर दबाव बनाया जा रहा है कि प्रशासन उनकी मांगों को सुने. उन्होंने गारूई नदी की देखभाल के मुद्दे को लेकर कहा कि नदी में सिर्फ जेसीबी चला देने से नदी की सफाई का कार्य पूरा नहीं होगा. रूपनारायणपुर स्थित नदी के उद्गम स्थल से नदी की तलछटी की सफाई व्यवस्थित ढंग से करनी होगी.
वृहद आंदोलन की चेतावनी
श्री तिवारी ने निगम प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि इस बार मानसून के सीजन में नदी में आने वाली बाढ़ के कारण किसी की भी मौत होती है तो इसकी जिम्मेदारी निगम प्रशासन और जिला प्रशासन पर होगी. नदी की सफाई के नाम पर प्रत्येक वर्ष कमेटी का गठन कर दिया जाता है. जनता के टैक्स के पैसे को गलत तरीके से खर्च किया जाता है. उन्होंने कहा कि आसनसोल नगर निगम में उन्होंने भी पांच वर्ष अपनी सेवाएं दी हैं. उस वक्त नगर निगम के सभी 106 वार्डों में विकास कार्य होता था. किसी भी वार्ड में पेयजल आपूर्ति या अन्य किसी समस्या को लेकर शिकायत नहीं मिली थी. आसनसोल नगर निगम द्वारा रेल पार इलाके से टैक्स वसूला जाता है. लेकिन यहां के लोगों को सुविधा उपलब्ध नहीं होती हैं.उन्होंने कहा कि गारुई नदी की साफ सफाई के नाम पर हर साल करोड़ों रुपए वसूले जाते हैं लेकिन नदी की साफ सफाई नहीं होती. उन्होंने सवाल किया कि आखिर यह पैसा किसकी जेब में जाता है? श्री तिवारी ने आरोप लगाया कि आसनसोल से हजारों करोड़ रुपये का रेवेन्यू वसूला जाता है. जिससे कोलकाता में कई विकास कार्य हो रहे हैं. लेकिन आसनसोल की जनता से वसूले गये टैक्स के पैसे से आसनसोल का विकास नहीं किया जा रहा. श्री तिवारी ने निगम प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि आने वाले दिनों में प्रशासन ने उनकी मांगों पर गौर नहीं किया तो वृहद आंदोलन का रुख करना पड़ेगा.
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