जूनियर डॉक्टर बेमियादी हड़ताल पर, मरीज बेहाल

सोमवार को देशभर में अस्पतालों के सामने प्रदर्शन हुआ. चिकित्सक फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के आह्वान पर देशव्यापी हड़ताल पर रहे.

By Prabhat Khabar News Desk | August 13, 2024 1:59 AM

संवाददाता, कोलकाता

आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की महिला पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी (पीजीटी) से दुष्कर्म और हत्या की घटना से पश्चिम बंगाल सहित पूरे देश की चिकित्सक बिरादरी आंदोलित है. सोमवार को देशभर में अस्पतालों के सामने प्रदर्शन हुआ.चिकित्सक फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के आह्वान पर देशव्यापी हड़ताल पर रहे. दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो गयी है. स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रहीं. घटना के विरोध में पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टर बेमियादी हड़ताल पर चले गये हैं. इससे लगभग सभी मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सा व्यवस्था ठप हो गयी है. जूनियर डॉक्टर आउटडोर व इंडोर में कार्य नहीं कर रहे हैं. जिसके कारण विशेष कर गंभीर रूप से बीमार मरीजों की परेशानी बढ़ गयी है. कई मरीजों को इलाज कराये बगैर अस्पताल से लौटना पड़ा रहा है.

चिकित्सकों ने सोमवार को सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री ने एक महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले को सुलझाने के लिए सात दिनों की समय सीमा क्यों तय की. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि मांगें पूरी होने तक वे अपनी हड़ताल जारी रखेंगे. अपनी मांगों को लेकर जूनियर डॉक्टर्स और रेसिटेंड मेडिकल ऑफिसर हड़ताल पर हैं.

जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल सोमवार को लगातार चौथे दिन भी जारी रहने के कारण अस्पतालों में सेवाएं बाधित रहीं.

आरजी कर में मरीजों के परिजनों ने किया विरोध प्रदर्शन : आरजी कर अस्पताल में ड्यूटी के दौरान एक महिला डॉक्टर के साथ यौन शोषण और हत्या के मामले को लेकर डॉक्टर सोमवार से पूरी तरह हड़ताल पर हैं.

सोमवार को आरजी कर में मरीजों और उनके परिजनों ने विरोध प्रदर्शन किया. उनका कहना था कि अस्पताल आने पर उन्हें परेशानी हो रही है. चिकित्सा सेवा उपलब्ध नहीं करायी जा रही है. महानगर के सभी मेडिकल कॉलेजों में आपातकालीन विभाग भी बंद होने के कारण स्थिति यह है कि मरीज अस्पताल में प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं. वहीं आरजी कर मेडिकल कॉलेज में दो में एक प्रवेश द्वार को बंद कर दिया गया है.

इन अस्पतालों पर पड़ा है असर

आरजी कर की घटना के विरोध में राज्य के विभिन्न सरकारी अस्पतालों के कनिष्ठ चिकित्सक हड़ताल पर हैं. कोलकाता में आरजी कर के अलावा एसएसकेएम (पीजी), एनआरएस, नेशनल मेडिकल कॉलेज, कोलकाता मेडिकल कॉलेज सह बहरमपुर मेडिकल कॉलेज, उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में इमरजेंसी और आउटडोर विभाग में जूनियर डॉक्टर कार्य नहीं कर रहे हैं. इन अस्पतालों में आउटडोर (ओपीडी) में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. आउटडोर में इलाज कराने आये मरीज गुस्से से कह रहे हैं, हमें क्या परेशानी है. कोई सुनने वाला नहीं है.

स्थिति को संभालने के लिए सीनियर डॉक्टरों को तैनात रहने का निर्देश: जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से राज्यभर के तमाम मेडिकल कॉलेजों में मरीजों को सेवाएं नहीं मिल रही हैं. ऐसे में इस स्थिति से निबटने के लिए सोमवार को स्वास्थ्य विभाग में उच्च स्तरीय बैठक हुई. राज्य के स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम की उपस्थिति में यह बैठक हुई. इस बैठक में स्थिति से निपटने के लिए सीनियर डॉक्टरों को ओपीडी में बैठने का निर्देश दिया गया है. वहीं इमरजेंसी विभाग को बहाल रखने के लिए सीनियर व अनुभवी मेडिकल ऑफिसरों को ड्यूटी पर रहने का निर्देश दिया गया है. वहीं डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए एक मेडिकल टीम का भी गठन किया गया है. इस टीम के सदस्य किसी आपात स्थिति मेडिकल कॉलेजों में सेवा देंगे.

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