संवाददाता, कोलकाता
आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या की घटना को लेकर देश भर में विरोध किया जा रहा है. इस घटना के बाद से ही आरजी कर मेडिकल कॉलेज सहित राज्यभर के जूनियर डॉक्टर और रेसिडेंट मेडिकल ऑफिसर हड़ताल पर हैं. वे इमरजेंसी, आउटडोर और इंडोर में मरीजों का इलाज नहीं कर रहे हैं.
राज्य में पिछले चार दिनों से यह स्थिति बनी हुई है. ऐसे में राज्य सरकार के निर्देश पर अब तक सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में सीनियर डॉक्टर मोर्चा संभाले हुए हैं. मंगलवार को कोलकाता समेत राज्य के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में सीनियर डॉक्टरों ने आउटडोर विभाग में मरीज की जांच व इलाज की. इसी तरह अस्पताल के इमरजेंसी विभाग को सीनियर डॉक्टरों द्वारा खुला रखा गया है. आपातकालीन विभाग में सीनियर मेडिकल ऑफिसर कार्य कर रहे हैं. पर जूनियर डॉक्टर न होने के कारण सीनियर चिकित्सकों को भी आउटोडर चलाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जहां एक ओर आउटडोर विभाग में सैकड़ों की संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं तो वहीं, चिकित्सकों की संख्या कम होने के कारण मरीज को घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ रहा है. यही हालत इंडोर विभाग की भी है. जूनियर डॉक्टरों के साथ नर्सिंग की छात्राएं भी ड्यूटी नहीं कर रही हैं. ऐसे में इंडोर विभाग में पहले से भर्ती मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल रहा है. उनका चिकित्सा बाधित हो रही है. वहीं डॉक्टरों की संख्या कम होने के कारण पहले की तुलना में फिलहाल इमरजेंसी वार्ड आने वाले मरीजों की संख्या भी घट गयी है.
वहीं जो मरीज आ भी रहे हैं. उन्हें कुछ घंटे के लिए ऑब्जर्वेशन में रख का उनकी सेहत को सामान्य कर छुट्टी दे दी जा रही है. जबकि, केवल गंभीर रूप से बीमार मरीजों को ही भर्ती लिया जा रहा है. कुल मिला कर चिकित्सक हड़ताल पर हैं और मरीज परेशान है. इस बीच सीनियर डॉक्टरों ने भी बुधवार को राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में आउटडोर विभाग को बंद रखने का निर्णय लिया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है