बारासात से निर्दल प्रार्थी काकोली घोष ने वापस लिया नामांकन
उत्तर 24 परगना के बारासात लोकसभा केंद्र से नामांकन जमा करने के 24 घंटे के अंदर ही निर्दल प्रत्याशी काकली घोष ने अपना नामांकन वापस ले लिया
बारासात. उत्तर 24 परगना के बारासात लोकसभा केंद्र से नामांकन जमा करने के 24 घंटे के अंदर ही निर्दल प्रत्याशी काकली घोष ने अपना नामांकन वापस ले लिया. बताया जा रहा है कि उनके और उनके पति का अपहरण किया गया था और फिर इसकी थाने में शिकायत भी दर्ज करायी गयी, लेकिन बाद में उन्हें जिला अधिकारी के दफ्तर जाते हुए देखा गया, जहां उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया. उनका कहना है कि उनका किसी ने अपहरण नहीं किया था. उन्होंने स्वेच्छा से अपना नामांकन वापस लिया है. जानकारी के मुताबिक, मंगलवार रात से ही वह और उनके पति लापता थे. बताया जा रहा है कि देर रात 10-15 लोग बाइक और कार से आये थे और कथित तौर पर उनका अपहरण कर लिया था. वह हाबरा थाना क्षेत्र के बामिहाटी छातिमतला इलाके में दो बेटों, पति और बुजुर्ग माता-पिता के साथ रहती हैं. पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक, 35 साल की काकली घोष चुनाव प्रचार में हिस्सा लेना चाहती थीं और लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए अपना नामांकन दाखिल किया. कथित तौर पर इसके बाद से ही निर्दलीय प्रत्याशी काकली को जगह-जगह से धमकी भरे फोन आने लगे थे. काकली के साथ उनके पति संजीव घोष का भी अपहरण कर लिया गया था. इसके बाद उम्मीदवार कुछ पता नहीं चलने पर काकली घोष के चुनावी एजेंट दिलीप दास ने हाबरा थाने में अपहरण की लिखित शिकायत दर्ज करायी थी. उन्हें संदेह था कि एक राजनीतिक दल के उम्मीदवार के साथ उनके नाम की समानता के कारण वोट कटने की आशंका से निर्दलीय उम्मीदवार काकली घोष का अपहरण कर लिया गया है. काकली के चुनाव एजेंट दिलीप दास ने अपने प्रत्याशी की जान को खतरा होने की आशंका जतायी थी. पूरी घटना की लिखित शिकायत के कुछ ही घंटों बाद निर्दलीय उम्मीदवार काकली घोष को अपना नामांकन वापस लेने के लिए बारासात जिला अधिकारी के कार्यालय में जाते देखा गया. मीडिया के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि उन्होंने स्वेच्छा से नामांकन वापस लिया है. वह चुनाव नहीं लड़ना चाहतीं. उनका किसी ने अपहरण नहीं किया था.
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