कांकसा में छात्रों और अभिभावकों ने प्रभारी शिक्षक के तबादले को रोकने के लिए स्कूल गेट पर ताला जड़ किया प्रदर्शन 

स्थानीय अभिभावकों और विद्यालय के छात्र छात्राओं ने बताया की वर्ष 2016 से राजेश कुमार अधिकारी इस विद्यालय के प्रभारी शिक्षक की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. जब वे इस विद्यालय में आए थे तो उस समय विद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या लगभग 80 थी.

By Shinki Singh | June 12, 2024 12:50 PM

पानागढ़, मुकेश तिवारी : पश्चिम बर्दवान जिले के कांकसा के प्रयागपुर प्राथमिक विद्यालय के छात्र- छात्राओं और अभिभावकों ने बुधवार सुबह स्कूल के प्रिय प्रभारी शिक्षक के तबादले को रोकने के लिए स्कूल के मुख्य गेट पर ताला जड़ प्रदर्शन किया. इसके कारण समूचे स्कूल परिसर में हड़कंप मच गया. विद्यालय में छात्र छात्राओं और अभिभावकों ने इस तबादले के खिलाफ जमकर विक्षोभ जताया और अपने प्रिय प्रभारी शिक्षक को रोकने का पूरा प्रयास किया. स्थानीय अभिभावकों और विद्यालय के छात्र छात्राओं ने बताया की वर्ष 2016 से राजेश कुमार अधिकारी इस विद्यालय के प्रभारी शिक्षक की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. जब वे इस विद्यालय में आए थे तो उस समय विद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या लगभग 80 थी.

अभिभावकों को स्कूल से जुड़ी जानकारी वह समय-समय पर देते हैं

वर्तमान में विद्यार्थियों की संख्या लगभग 142 हो गयी है. कार्यभार संभालने के बाद से ही राजेश अधिकारी ने छात्र छात्राओं को पढ़ाने के साथ-साथ इस बात पर भी नजर रखी है कि छात्र नियमित रूप से स्कूल आएं.अभिभावकों ने बताया कि क्षेत्र के अधिकांश निवासी निम्न वर्ग से हैं. इसलिए स्थानीय लड़के और लड़कियां अपना शुरुआती पढ़ाई इस सरकारी स्कूल में करते हैं. इस प्रभारी शिक्षक के स्कूल का कार्यभार संभालने के बाद से विद्यालय की पढ़ाई में काफी सुधार हुआ. यदि कोई छात्र स्कूल नहीं आता है तो प्रभारी शिक्षक छुट्टी के बाद छात्र के घर जाते हैं और उसके बारे में पूछते हैं. यदि आवश्यक हो तो उसे घर पर ही पढ़ाने की व्यवस्था करते रहे है. वह अभिभावकों को स्कूल में मिलने वाली सभी सरकारी सुविधाओं की जानकारी समय-समय पर देते हैं.

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ट्रांसफर ऑर्डर की खबर मिलते ही स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया

फिलहाल उन्हें दूसरे विद्यालय में प्रधानाध्यापक का प्रभार मिला है. इस बाबत ट्रांसफर ऑर्डर आ गया है.ट्रांसफर ऑर्डर की खबर मिलते ही स्थानीय लोग भाव विभोर हो गए. अभिभावकों का दावा है कि अगर प्रभारी शिक्षक ने स्कूल छोड़ा तो छात्रों का भविष्य अनिश्चित हो जाएगा. हालांकि प्रभारी शिक्षक ने कहा की स्थानीय लोगों से इतना स्नेह और प्यार पाकर एक शिक्षक के तौर पर उन्हें गर्व हो रहा है. लेकिन उन्हें तबादले के सरकारी आदेश का पालन करना ही होगा. इसलिए उन्हें दूसरे स्कूल में जाना होगा. ताकि वहां की भी व्यवस्था वह सुधार सके.स्कूल की छात्रा अरित्रा कर्माकर बताती हैं की हम अपने प्रिय शिक्षक को किसी भी हालत में स्कूल छोड़ने नहीं देंगे. उन्होंने विद्यालय के सभी बच्चों का संतान को तरह ख्याल रखा. हम लोगों से एक पिता की तरह स्नेह किया. इसलिए उनके तबादले की सूचना मिलते ही हमने विरोध शुरू कर दिया है.

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अभिभावकों का कहना है कि प्रभारी शिक्षक स्कूल के हित पर करते है ज्यादा फोकस

अभिभावक हेना खातून ने कहा, यह शिक्षक नियमित रूप से छात्रों पर नज़र रखते थे. वह उन्हें घर से स्कूल लाते थे.वह छात्रों की किसी भी समस्या को हल करने की कोशिश करते रहते थे. ऐसा नहीं लगता कि कोई नया ऐसा करेगा .इसलिए हम नहीं चाहते है की शिक्षक राजेश अधिकारी का तबादला अन्य स्कूल में हो. मामले को लेकर त्रिलोकचंद्रपुर ग्राम पंचायत के उप प्रधान प्रसेनजीत घोष ने कहा कि विद्यालय में शिक्षक के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. शिक्षा विभाग ही बता सकता है कि अभिभावकों या छात्रों की मांग पर सरकार किस तरह गौर करेगी. लेकिन अगर वह इस स्कूल में होंगे तो इलाके के लोगों को फायदा होगा. बाद में स्कूल और स्थानीय पंचायत के लोग मौके पर पहुंच कर परिस्थिति को नियंत्रित किया.

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