पानी की बर्बादी रोकने के लिए डिजिटल मैप बना रहा केएमसी

एक स्विच दबा कर पता कर पायेंगे कहां व क्यों जलापूर्ति हो रही बाधित

By Prabhat Khabar News Desk | July 12, 2024 11:02 PM

एक स्विच दबा कर पता कर पायेंगे कहां व क्यों जलापूर्ति हो रही बाधित

कोलकाता

. पानी की बर्बादी रोकने व आपूर्ति बढ़ाने के लिए कोलकाता नगर निगम (केएमसी) महानगर की पेयजल आपूर्ति ””””नेटवर्क”””” का डिजिटल मैप बना रहा है. इससे कोई भी व्यक्ति गूगल पर जाकर देख सकता है कि उसके क्षेत्र में कहां कितनी इंच की पाइप से पेयजल की आपूर्ति हो रही है. वहीं, अगर महानगर के किसी वार्ड में पेयजल की कमी है, तो इंजीनियर सिर्फ अपने कार्यालय में लगे एक स्विच को दबा कर देख लेंगे कि कहां और क्यों जलापूर्ति बाधित हुई है.

डिजिटल मैप होगा, तो इंजीनियर चंद मिनटों में बता सकेंगे कि इलाके में पेयजल आपूर्ति कब सामान्य होगी. कोलकाता के मेयर व शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने जलापूर्ति को आधुनिक बनाने व पेयजल की बर्बादी रोकने के लिए ड्रेनेज विभाग के मेयर परिषद के सदस्य तारक सिंह को पेयजल नेटवर्क का डिजिटल मैप तैयार करने का काम सौंपा है. डिजिटल मैप बनाने के बारे में मेयर ने कहा : ड्रेनेज इंफ्रास्ट्रक्चर का डिजिटल मैप बनाने का काम लगभग पूरा हो चुका है. अब पेयजल का डिजिटल मैप तैयार किया जा रहा है. यदि यह पूरा हो गया, तो घरों में जलापूर्ति बढ़ाने के साथ-साथ स्वच्छ पेयजल की बर्बादी को भी रोकना संभव होगा.

इस डिजिटल तकनीक के आने से अगर किसी वार्ड के किसी मोहल्ले में पाइप लीक हो, तो इसकी खबर तुरंत नगरपालिका के मुख्य कार्यालय को दी जायेगी. इतना ही नहीं, किसी क्षेत्र में पानी की लाइन में खराबी होने पर अनावश्यक रूप से ज्यादा सड़कें खोदने और पाइपों की मरम्मत करने का जोखिम लेने की भी जरूरत नहीं है. डिजिटल मानचित्र होने पर विशिष्ट समस्याओं का समाधान हो सकता है. वहीं, आपूर्ति व्यवस्था को ठीक करने के लिए बार-बार जमीन की खुदाई करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. निगम ने पूरी प्रक्रिया में आइआइटी खड़गपुर के विशेषज्ञों के साथ-साथ आधुनिक तकनीक का उपयोग करने का निर्णय लिया है. जरूरत पड़ी, तो निगम के पेयजल विभाग के इंजीनियरों द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) तकनीक का भी इस्तेमाल किया जायेगा. कोलकाता के 144 में से ज्यादातर वार्ड का डिजिटल मानचित्र लगभग पूरा हो चुका है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version