संदीप घोष के घर के बाहर CBI को करना पड़ा घंटों इंतजार, बार-बार आवाज देने पर भी नहीं खुल रहा था दरवाजा

अधिकारियों की एक टीम बेलियाघाटा स्थित डॉ संदीप घोष के ठिकाने पर पहुंची. वहां करीब 1.15 घंटे तक केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों को आवास के बाहर इंतजार करना पड़ा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2024 8:50 AM

कोलकाता : कलकत्ता हाइकोर्ट के निर्देश पर आरजी कर अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) कर रहा है. गत शनिवार को ही केंद्रीय जांच एजेंसी ने मामले की जांच को लेकर प्राथमिकी दर्ज की. इसके अगले ही दिन यानी रविवार को सीबीआइ ने जांच के सिलसिले में कोलकाता, हावड़ा, उत्तर 24 परगना के करीब 16 जगहों छापेमारी की. अभियान आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष, अस्पताल के पूर्व अधीक्षक व पूर्व वाइस प्रिंसिपल (एमएसवीपी) डॉ संजय वशिष्ठ, मेडिकल सामान के सप्लायर विप्लव सिंह, अस्पताल के फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के डिमॉन्स्ट्रेटर देवाशीष सोम के आवासों व आरजी कर अस्पताल के अलावा अन्य जगहों पर चलाया गया. इस दौरान आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसपल संदीप घोष के घर बाहर सीबीआई को घंटों इंतजार करना पड़ा.

अधिकारियों की अलग-अलग टीम निकली थी अभियान के लिए

इस दिन सुबह निजाम पैलेस स्थित सीबीआई कार्यालय से अधिकारियों की अलग-अलग टीम अभियान के लिए निकली. उनके साथ सीएपीएफ के जवान भी थे. अधिकारियों की एक टीम बेलियाघाटा स्थित डॉ संदीप घोष के ठिकाने पर पहुंची. वहां करीब 1.15 घंटे तक केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों को आवास के बाहर इंतजार करना पड़ा. बार-बार कॉलिंग बेल बजाने व आवाज देने पर भी दरवाजा नहीं खोला गया.

8.06 बजे घर से बाहर निकले संदीप घोष

इसके बाद सीबीआई के कुछ अधिकारी बेलियाघाटा थाने भी पहुंचे. पुलिस अधिकारियों से बातचीत कर अगले कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की गयी. इस बीच, करीब 1.15 घंटे के बाद यानी सुबह लगभग 8.06 बजे अचानक घोष घर से बाहर निकले. उसके बाद अधिकारी उनके घर के भीतर घुसे. आवास के बाहर सीएपीएफ के जवान तैनात रहे. घर के अंदर से बाहर व बाहर से अंदर किसी को आने-जाने नहीं दिया गया.

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संदीप घोष और उनके परिजनों से हुई पूछताछ

अपराह्न 12 बजे सीबीआई के छह अधिकारियों की एक और टीम उनके आवास पहुंची. उनके साथ एक प्रिंटर व एक पंचिंग मशीन भी थी. घर पर रखे दस्तावेजों के अलावा, डिजिटल उपकरणों की जांच भी की गयी. घोष व उनके परिजनों से पूछताछ हुई.

छह घंटों के बाद संजय वशिष्ठ को लेकर बाहर निकले अधिकारी

इसी दिन सुबह 7.45 बजे सीबीआई टीम अस्पताल के पूर्व अधीक्षक संजय वशिष्ठ के इंटाली स्थित आवास पर पहुंची. वहां लगभग छह घंटों तक तलाशी ली गयी. आर्थिक अनियमितता के मामले को लेकर पूछताछ हुई. बाद में एजेंसी के अधिकारी वशिष्ठ को लेकर बाहर निकले और उनके टेंगरा स्थित आवास पर भी पहुंचे. वहां से कुछ दस्तावेज जब्त किये गये.

देवाशीष सोम को लेकर निजाम पैलेस पहुंचे सीबीआई अधिकारी

इसी दिन केष्टोपुर में अस्पताल के फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के डिमॉन्स्ट्रेटर देवाशीष सोम के आवास पर भी अभियान चलाया गया. वह आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल घोष के काफी करीबी बताये जाते हैं. शाम को उन्हें लेकर सीबीआई अधिकारी बाहर निकले और वाहन से उन्हें निजाम पैलेस स्थित केंद्रीय जांच एजेंसी के कार्यालय पहुंचे. बेलगछिया के जेके घोष रोड स्थित एक कैफे के मालिक के ठिकाने पर भी छापेपारी की गयी. टाला में चंदन लौह नामक एक शख्स के फ्लैट में भी सीबीआई अधिकारियों ने रेड किया. चंदन का फ्लैट जिस इमारत में है, उसके ठीक नीचे तृणमूल के एक विधायक का कार्यालय भी है. चंदन पूर्व फुटबॉलर बताया जा रहा है. उसका आरजी कर अस्पताल के प्रसूति व स्त्री रोग विभाग के पास एक स्टॉल भी है, जो उसकी पत्नी के नाम से है.

दवा व मेडिकल सामान के सप्लायर के आवास पर भी दबिश

सीबीआइ के अधिकारी मेडिकल सामान के सप्लायर विप्लव सिंह के हावड़ा के सांकराइल के हाटगाछा स्थित आवास में भी पहुंचे. अस्पताल में प्रिंसिपल रहते हुए विप्लव ने वहां मेडिकल सामान की सप्लाई की थी. उसके संस्थान का नाम ‘मां तारा ट्रेडर्स’ बताया जा रहा है. सिंह का आवास समझकर पहले सीबीआई के अधिकारी मदन घोड़ाई नामक शख्स के घर पहुंच गये थे. बाद में पता चला कि वे ‘मां तारा ट्रेडर्स’ की बजाय ‘तारा बिल्डर्स’ नामक संस्थान से जुड़े व्यक्ति के आवास पर पहुंच गये हैं. दोनों ही एक इलाके में रहते हैं. बाद में अधिकारी सिंह के आवास पर पहुंचे.

आरजी कर अस्पताल में भी चला अभियान

इसी दिन सीबीआई अधिकारियों की एक टीम आरजी कर अस्पताल भी पहुंची. अधिकारियों ने जांच के लिए तीन टीमें गठित की. एक टीम प्रशासनिक भवन पहुंची. अस्पताल के अन्य जगहों पर भी तलाशी अभियान शुरू किया गया. पूर्व प्रिंसिपल घोष के कार्यालय की भी जांच की गयी. अस्पताल के पूर्व अधीक्षक संजय वशिष्ठ जिस कंप्यूटर पर काम करते थे, उसकी जांच की जा रही है. उनके कार्यकाल में हुए काम से संबंधित दस्तावेजों को भी खंगाला जा रहा है. शैक्षणिक भवन की कैंटीन (भोजनालय), एकाउंट्स विभाग की भी जांच की गयी. अभियान के दौरान आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के मौजूदा प्रिंसिपल व अस्पताल अधीक्षक व अन्य पदाधिकारियों को भी वहां लाया गया. उनके अलावा अस्पताल के एकाउंट्स विभाग के कर्मचारियों व अन्य लोगों से पूछताछ की गयी है.

मिले अहम तथ्य!

अस्पताल के प्रशासनिक भवन से बाहर निकलने के दौरान सीबीआई अधिकारियों से पत्रकारों ने यह जानना चाहा कि जांच में उन्हें क्या मिला. तब एक अधिकारी ने ‘बहुत कुछ है.’ यानी यह स्पष्ट है कि जांच में सीबीआइ को अहम दस्तावेज व तथ्य हाथ लगे होंगे. बताया जा रहा है कि अस्पताल के प्रशासनिक भवन से निकलने के बाद अधिकारी अकादमी भवन पहुंचे. खबर लिखे जाने तक उनकी तफ्तीश जारी थी. इस दिन अस्पताल में जांच अभियान चलाने के लिए सीबीआइ के अधिकारियों ने जांच के लिए तीन टीमें गठित की. सबसे पहले एक टीम प्रशासनिक भवन पहुंची. उसके बाद अस्पताल के अन्य जगहों पर भी तलाशी अभियान शुरू किया गया. आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल घोष के कार्यालय की भी जांच की गयी.

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