हे भगवान! किस घड़ी में हम दार्जिलिंग घूमने आये
– परेशान पर्यटकों ने बतायी आपबीती, कई कहीं घूमे बगैर ही वापस लौटे दार्जिलिंग : पहाड़ पर फंसे ज्यादातर पर्यटकों के मुंह से अभी बस यही निकल रहा है- हे भगवान! किस दिन में हम दार्जिलिंग घूमने आये. मुंबई से आयी सीमा भारद्वाज ने बताया कि बुधवार शाम को वह अपने परिवार के साथ दार्जिलिंग […]
– परेशान पर्यटकों ने बतायी आपबीती, कई कहीं घूमे बगैर ही वापस लौटे
दार्जिलिंग : पहाड़ पर फंसे ज्यादातर पर्यटकों के मुंह से अभी बस यही निकल रहा है- हे भगवान! किस दिन में हम दार्जिलिंग घूमने आये. मुंबई से आयी सीमा भारद्वाज ने बताया कि बुधवार शाम को वह अपने परिवार के साथ दार्जिलिंग घूमने पहुंचीं. लेकिन यहां का हाल परेशान करने वाला है. सीमा ने कहा कि उन्होंने पहाड़ की रानी दार्जिलिंग की सुंदरता के बारे में काफी कुछ सुना था. कई सालों से यहां घूमने का मन था. पिछले सप्ताह ही उन्होंने दार्जिलिंग का कार्यक्रम बनाया. सीमा ने कहा कि अब हाल यह है कि दार्जिलिंग पहुंचते ही वापस भागना पड़ रहा है. उन्होंने अब कभी दार्जिलिंग नहीं आने की बात कही.
कोलकता से आये अरुण घोष ने कहा- मैं बुधवार को दार्जिलिंग आया. गुरुवार की सुबह टाइगर हिल में सूर्योदय का नजारा देखा. इसके बाद रॉक गार्डन गंगा माया पार्क गया. दोपहर बाद रोपवे की सवारी और चाय बागान देखने की योजना थी, लेकिन पहाड़ पर अशांति की वजह से हमें अपना कार्यक्रम रद्द करना पड़ा. शुक्रवार के बंद को देखते हुए हमने गुरुवार को ही पहाड़ छोड़ने का नर्णिय लिया, लेकिन गाड़ी की व्यवस्था नहीं हो पा रही है.
इसी तरह बहुत से पर्यटक हैं, जो पहाड़ को पूरी तरह से घूमे बिना लौटने को मजबूर हैं. बहुत से लोग सड़क के किनारे गाड़ियों का इंतजार करते देखे गये. चौक बजार स्थित टाउन डीएसपी कार्यलय के आगे बहुत से पर्यटक गाड़ी के इंतजार में दिखे. कुछ स्थानीय लोग पयर्टकों को चाय, पावरोटी, बस्किुट आदि बांट रहे हैं.