profilePicture

महानगर के पुरुषों में बांझपन के अधिक मामले

कोलकाता: महानगर में पिछले कुछ वर्षों‍ में उल्लेखनीय रूप से पुरुषों में बांझपन के मामले अधिक देखे जा रहे हैं जो महिलाओं की तुलना में अधिक हैं. 20-30 फीसदी मामलों में इंफर्टिलिटी के लिए पुरुष जिम्मेवार पाये गये हैं. ऐसे कई कारक होते हैं, जो पुरुष की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करते हैं. यह वंशानुगत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 10, 2017 8:36 AM

कोलकाता: महानगर में पिछले कुछ वर्षों‍ में उल्लेखनीय रूप से पुरुषों में बांझपन के मामले अधिक देखे जा रहे हैं जो महिलाओं की तुलना में अधिक हैं. 20-30 फीसदी मामलों में इंफर्टिलिटी के लिए पुरुष जिम्मेवार पाये गये हैं. ऐसे कई कारक होते हैं, जो पुरुष की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करते हैं. यह वंशानुगत भी हो सकते हैं.

विभिन्न प्रकार के शोधों से पता चलता है कि इसके लिए संक्रमण, टेस्टिक्यूलर या पेल्विक इंजरी भी कारण हो सकता है, जिसके कारण पुरुषों की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है. ये बातें नोवा फर्टिलिटी सेंटर के डॉ अरिंदम रथ ने कहीं. उन्होंने महानगर के एक पांच सितारा होटल में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में इसकी जानकारी दी. डॉ रथ ने बताया कि पुरुषों में पाये जानेवाले बांझपन के लिए कई प्रकार के सरल उपचार उपलब्ध हैं.

उन्होंने कहा कि पुरुष व महिलाओं में जंक फूड तथा जीवन शैली में बदलाव के कारण इस तरह के मामले देखे जा रहे हैं. इस तरह के भोजन से मधुमेह और उच्च रक्तचाप बढ़ने की संभावना रहती है और इन दोनों ही बीमारियों के कारण इंफर्टिलिटी के मामले देखे जाते हैं. उन्होंने कहा कि शादी में विलंब, सही खान-पान का अभाव, नियमित रूप से व्यायाम न करना, कार्य का दबाव आदि के कारण पुरुष व महिला, दोनों में बांझपन के मामले देखे जा सकते हैं. वहीं धूम्रपान, नशीले पदार्थों व शराब के सेवन से पुरुषों की प्रजनन झमता प्रभावित होती है. उन्होंने कहा कि शादी के बाद गर्भ धारण करने में किसी प्रकार की समस्या के देखे जाने पर तुरंत अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए, क्योंकि उम्र के बढ़ने पर इलाज करना जटिल हो सकता है और इस पर काफी खर्च भी आ सकता है.

Next Article

Exit mobile version