दार्जिलिंग में अभी भी फंसे हैं हजारों सैलानी

सिलीगुड़ी. दार्जिलिंग में गोरखा जनमुक्ति मोरचा के हिंसक आंदोलन के बाद सरकार की ओर से सैलानियों को पहाड़ से सुरक्षित उतारने का काम युद्धस्तर पर जारी है. विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के हांलाकि दार्जिलिंग में अभी भी हजारों सैलानी फंसे हुए हैं. मोरचा के हिंसक आंदोलन और आज 12 घंटा बंद के एलान के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 10, 2017 8:38 AM
सिलीगुड़ी. दार्जिलिंग में गोरखा जनमुक्ति मोरचा के हिंसक आंदोलन के बाद सरकार की ओर से सैलानियों को पहाड़ से सुरक्षित उतारने का काम युद्धस्तर पर जारी है. विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के हांलाकि दार्जिलिंग में अभी भी हजारों सैलानी फंसे हुए हैं. मोरचा के हिंसक आंदोलन और आज 12 घंटा बंद के एलान के बाद पहाड़ पूरी तरह अशांत हो चुका है.

एक तरफ आतंकित सैलानी जहां आनन-फानन में पहाड़ छोड़ने की जद्दोजहद कर रहे हैं वहीं अशांत पहाड़ के बावजूद कुछ सैलानी दार्जिलिंग जाने का साहस दिखा रहे हैं. अधिकांश सैलानी सिलीगुड़ी जंक्शन के नजदीक स्थित तेनजिंग नोरगे बस टर्मिनल्स से सरकारी बसों से ही दार्जिलिंग के अलावा मिरिक, कार्सियांग, कालिंपोंग के अलावा पहाड़ के अन्य पर्यटन केंद्रों की ओर जाने का साहस दिखा रहे हैं.

क्या कहना है पहाड़ जानेवाले सैलानियों काः ऐसा ही साहस बारासात से आज ही सिलीगुड़ी पहुंचे एक दंपती में दिखा. काफी उत्साहित नव दंपती अनिर्वान बसु की पत्नी सपना का कहना है कि दार्जिलिंग में इतनी गड़बड़ी के बावजूद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सभी प्रटोकोल तोड़कर दार्जिलिंग में मोरचा के पार्टी कार्यालय के सामने से पैदल चलने का साहस दिखा सकती है तो हम भी दार्जिलिंग क्यों नहीं जा सकते. वहीं, अन्य एक ग्रुप के सैलानियों ने कहा हम पहाड़ जा कर हिंसक आंदोलन करने वालों को यह पैगाम देना चाहते हैं कि पहाड़ को अशांत करने के लिए कोई किसी भी तरह का साजिश क्यों न करे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता. एक सैलानी विश्वजीत दास का कहना है कि पहाड़ के विकास को लेकर ममता की रणनीति का हम समर्थन करते हैं.
क्या कहना है पर्यटन मंत्रालय के अधिकारी काः पर्यटन मंत्रालय के उत्तर बंगाल इकाई के संयुक्त निदेशक सुनील अग्रवाल का कहना है कि दार्जिलिंग समेत पूरे पहाड़ पर अब परिस्थिति पूरी तरह सामान्य है. कहीं कोई गड़बड़ी नहीं है. उन्होंने दार्जिलिंग में ही अभी भी हजार से अधिक देशी-विदेशी सैलानियों के मौजूद होने की बात स्वीकार की. श्री अग्रवाल का कहना है कि दार्जिलिंग के अलावा मिरिक, कार्सियांग, कालिंपोंग व अन्य पर्यटन केंद्रों में जहां अभी भी सैलानी हैं उनके लिए सभी सुख-सुविधा के साथ ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं. उन्होंने बताया कि अभी भी कई सैलानी पहाड़ पर आ रहे हैं. वे सभी निर्भिक और पूरी स्वतंत्रता के साथ पहाड़ की खुशनुमा मिजाज का लुत्फ उठा सकते हैं.

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