गोजमुमो के नेतृत्व में सर्वदलीय बैठक में पास हुआ प्रस्ताव जीटीए नहीं,चाहिए गोरखालैंड
दार्जीलिंग. पहाड़ पर सत्तारूढ़ गोजमुमो सहित तमाम राजनीतिक दलों ने गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) को खारिज कर दिया है. गोजमुमो की अगुवाई में आयोजित एक सर्वदलीय बैठक में इस आशय का प्रस्ताव पारित किया गया. दार्जीलिंग के जिमखाना क्लब में आयोजित इस बैठक में पहाड़ के सभी राजनीतिक दलों के नेता उपस्थित थे. इस बैठक […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
June 21, 2017 8:13 AM
दार्जीलिंग. पहाड़ पर सत्तारूढ़ गोजमुमो सहित तमाम राजनीतिक दलों ने गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) को खारिज कर दिया है. गोजमुमो की अगुवाई में आयोजित एक सर्वदलीय बैठक में इस आशय का प्रस्ताव पारित किया गया. दार्जीलिंग के जिमखाना क्लब में आयोजित इस बैठक में पहाड़ के सभी राजनीतिक दलों के नेता उपस्थित थे. इस बैठक में एकमत से जीटीए को खारिज कर दिया गया और साफ-साफ कहा गया कि अलग गोरखालैंड राज्य से कम कुछ भी नहीं चाहिए.
सर्वदलीय बैठक में गोजमुमो की ओर से केंद्रीय उपाध्यक्ष आरपी वाइबा, सैमुअल गुरुंग,आर मोक्तान, ज्योति राई, तिलकचंद रोका, कल्याण देवान, दार्जीलिंग के विधायक अमर सिंह राई, कालिम्पोंग की विधायका सरिता राई, कर्सियांग के विधायक डा रोहित शर्मा आदि उपस्थित थे. गोरामुमो की ओर से पूर्व विधायक एनवी छेत्री, प्रवक्ता नीरज जिम्बा आदि उपस्थित थे. गोरखालैंड राज्य निर्माण मोरचा के अध्यक्ष दावा पाखरिन, क्रामाकपा से गोविन्द छेत्री, शेखर छेत्री, अरुण घतानी, नर्बु लामा आदि उपस्थित थे. सबसे बड़ी बात यह रही कि हरका बहादुर की पार्टी जाप भी इसमें शामिल हुई. जाप की ओर से विशाल राई टिष्टे,भारतीय गोरखा परिसंघ से सुकमान मोक्तान,हिल कांग्रेस से दिलीप प्रधान, शान्ति शर्मा, सुरेन्द्र पारिक आदि उपस्थित थे. बैठक में जाप और गोरखा लीग सहित कुल 16 पार्टियों के नेता उपस्थित थे. करीब चार घंटे तक चली बैठक में गोरखालैंड आंदोलन को और भी तेज करने का निर्णय लिया गया.इसके साथ ही एक कोर कमटी बनायी गयी है. इसी कमेटी के सदस्य देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से गोरखालैंड की मांग को लेकर संपर्क में रहेंगे.
बैठक में सबसे बड़ा फैसला पहाड़ पर बेमियादी बंद जारी रखने का है. बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पी अर्जुन, नीरज जिम्बा, ज्योति कुमार राई,मनिष तामांग ने बताया कि जो कोर कमेटी बनायी गयी है उसके कन्वेनर तिलकचंद रोका होंगे. श्री अर्जुन ने साफ-साफ कहा कि बंद को वापस नहीं लिया जायेगा. सरकार से पहाड़ से सेना और केंद्रीय बलों को हटाने की मांग की गयी है. अलग राज्य के लिए आंदोलन कर रहे लोगों को फरजी मुकदमा डाल कर फंसाया जा रहा है. पुलिस बेवजह लोगों को गिरफ्तार कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि 22 जून को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सिलीगुड़ी में सर्वदलीय बैठक बुलायी है. इसमें पहाड़ के राजनीतिक दलों ने शामिल नहीं होने का फैसला किया है. सिलीगुड़ी में सरकार की ओर से बैठक की जा रही है. पहाड़ पर फिर से 24 तारीख को सर्वदलीय बैठक होगी.
पहाड़ पर रैली जारी
अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर पहाड़ पर रैली का दौर जारी है. मंगलवार को दाजीर्लिंग के साथ ही कालिम्पोंग,कर्सियांग और मिरिक आदि इलाके में रैली निकाली गयी. दार्जीलिंग में निकली रैली जीमखाना क्लब तक पहुंची. यहीं सर्वदलीय बैठक हो रही थी. रैली में शामिल लोग नारेबाजी कर रहे थे. इनलोगों का कहना थ कि अब सरकार से कोई भी बातचीत सिर्फ गोरखालैंड पर ही होनी चाहिए.
विकास बोर्ड से इस्तीफा
गुरूंग सांस्कृतिक विकास बोर्ड के कोषाध्यक्ष नवराज गुरूंग ने इस्तीफा दे दिया है.उन्होंने ने अपने बयान में कहा है कि जिस प्रकार से गोरखा जाति पर अत्याचार हो रहा है उससे विकास बोर्ड में बने रहने का कोई औचित्य नहीं है. उन्होनें अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री और उसकी कॉपी जिला अधिकारी को भेज दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि विकास बोर्ड के कुछ और सदस्य भी इस्तीफा देंगे.
दो वाहनों में तोड़फोड़
गोरखालैंड आंदोलन के दौरान मंगलवार को थोड़ी शांति बनी रही. कहीं से कोई बड़ी अप्रिय घटना की खबर नहीं है. हांलाकि दो सरकारी वाहन में तोड़फोड़ की घटना घटी है. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सूचना और संस्कृति विभाग के दो वाहनों को उपद्रवियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया है.
सालुगाड़ा में भी निकली रैली
गोरखालैंड आंदोलन ने सिलीगुड़ी के भी कुछ इलाकों को अपने लपेटे में ले लिया है. मंगलवार को सिलीगुड़ी के निकट सालुगाड़ा में गोजमुमो की ओर से एक रैली निकाली गयी. इसमें भारी संख्या में गोरखालैंड समर्थक उपस्थित हुए. कड़ी सुरक्षा के बीच निकली रैली में शामिल लोग अलग राज्य की मांग को लेकर नारे लगा रहे थे. इससे पहले सिलीगुड़ी के निकट मिलनमोड़ और सालबाड़ी इलाके में ऐसी रैली निकाली जा चुकी है.