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सीने में दर्द की शिकायत पर जेल से एसएसकेएम अस्पताल लाये गये जस्टिस कर्णन

प्रेसीडेंसी जेल अस्पतालमेंपहले किया गया प्राथमिक उपचारसजा पर राहत देने से सुप्रीम कोर्ट काइंकार कोलकाता/नयी दिल्ली: कलकत्ता हाइकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस सीएस कर्णन को गिरफ्तार कर प्रेसीडेंसी जेल में ले जाने के बाद बुधवार शाम को उन्हें सीने में दर्द की शिकायत हुई. इसके बाद उन्हें प्रेसीडेंसी जेल के अंदर अस्पताल में ले जाया गया. […]

प्रेसीडेंसी जेल अस्पतालमेंपहले किया गया प्राथमिक उपचार
सजा पर राहत देने से सुप्रीम कोर्ट काइंकार

कोलकाता/नयी दिल्ली: कलकत्ता हाइकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस सीएस कर्णन को गिरफ्तार कर प्रेसीडेंसी जेल में ले जाने के बाद बुधवार शाम को उन्हें सीने में दर्द की शिकायत हुई. इसके बाद उन्हें प्रेसीडेंसी जेल के अंदर अस्पताल में ले जाया गया. वहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें पुलिस की सुरक्षा में एसएसकेएम अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग में ले जाया गया. वहां प्रशिक्षित चिकित्सकों की टीम ने उनका इसीजी परीक्षण किया. इसके बाद उन्हें अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में स्थानांतरित किया गया. वहां उनका उपचार किया जा रहा है. इस मामले में एसएसकेएम अस्पताल के निदेशक डॉक्टर अजय कुमार रॉय ने बताया कि उन्हें अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया है. कार्डियोलॉजी विभाग में जांच के बाद इमरजेंसी विभाग में उनका प्राथमिक उपचार किया जा रहा है. अगर, उनकी स्थिति बेहतर होती है तो बुधवार रात को ही वहां से उन्हें वापस जेल भेज दिया जायेगा. सेहत में सुधार के लिए उन्हें जेल अस्पताल के अंदर चिकित्सकों के आव्जर्वेशन में रखा जा सकता है.

इससे पूर्व सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कोयंबटूर से मंगलवार की शाम को गिरफ्तार किये गये जस्टिस कर्णन को बुधवार की दोपहर दो बजे के करीब चेन्नई से दमदम नेताजी सुभाष चंद्र बोस एयरपोर्ट में लाया गया. इसके बाद एयरपोर्ट पर ही उनकी मेडिकल जांच की प्रक्रिया पूरी कर उन्हें सीधे दोपहर 3.15 बजे के करीब प्रेसीडेंसी जेल ले जाया गया. वहां उन्हें विशेष वार्ड में अन्य कैदियों से अलग रखा गया है.

सूत्रों के मुताबिक, जस्टिस कर्णन को पहले एयरपोर्ट से विशेष स्कोट में विधाननगर पुलिस कमिश्नरेट की टीम ने कोलकाता पुलिस के दायरे तक पहुंचायी. इसके बाद चार स्कोट कार में कोलकाता पुलिस की टीम पूर्व न्यायमूर्ति को प्रेसीडेंसी जेल तक ले गयी. वहां मौजूद लोगों की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये थे. जेल के दोनों तरफ रास्तों पर बैरिकेट लगा कर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये थे. जेल सूत्रों के मुताबिक, जेल के अंदर उनके रहने के लिए मंगलवार रात को ही विशेष सुविधाओं से लैश सेल तैयार किया गया था. जेल के अंदर उनके सेल के आसपास अलग से सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये हैं, जिससे उन्हें जेल में किसी भी तरह की परेशानी न हो. ज्ञात हो कि देश के सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस कर्णन को छह महीने के लिए जेल भेजने का निर्देश दिया था. जिसके बाद राज्य पुलिस की सीआइडी की टीम उनकी गिरफ्तारी के लिए चेन्नई रवाना हुई थी.

इससे पूर्व जस्टिस कर्णन को जमानत देने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया. जस्टिस कर्णन ने छह महीने की सजा निलंबित करवाने के लिए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. लेकिन, उच्चतम न्यायालय ने उन्हें राहत देने से साफ इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कर्णन की याचिका पर सुनावाई से इनकार करते हुए कहा कि सात जजों की बेंच पहले ही एक आदेश पारित कर चुकी है. अब केवल विशेष पीठ ही इसकी सुनवाई कर सकता है.

एक शीर्ष पुलिस अधिकारी के मुताबिक पश्चिम बंगाल पुलिस की टीम ने मंगलवार को 62 वर्षीय कर्णन को कोयंबटूर स्थित मालुमीचमपट्टी के निजी रिसोर्ट से गिरफ्तार किया था. वह हाइकोर्ट के पहले सेवारत जज हैं, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने कैद की सजा सुनायी है. आठ दिन पहले जस्टिस कर्णन कानून के भगोड़े के रूप में अपने पद से सेवानिवृत्त हो गये और उनके कलकत्ता हाइकोर्ट में मौजूद नहीं होने के कारण परंपरागत रूप से विदाई भी नहीं दी गयी.

भारत के चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षतावाली सुप्रीम कोर्ट की सात सदस्यीय पीठ ने जस्टिस कर्णन को नौ मई को अदालत की अवमानना के आरोप में छह महीने जेल की सजा सुनायी थी. तब वह कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश थे. अदालत ने सजा पर रोक लगने की उनकी याचिकाओं को बाद में नामंजूर कर दिया था.

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