महाश्रमणजी का बेहला क्षेत्र में पावन प्रवास

कोलकाता. भारत में अध्यात्म ज्ञान और धर्म की त्रिवेणी को सतत गतिमान बनाये रखने में संतों एवं धर्माचार्यों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. युगप्रभावक जैनाचार्य आचार्य श्री महाश्रमणजी धर्म परायण गौरवपूर्ण सभ्यता एवं संस्कृति से परिपूर्ण विश्वगुरु, विचारक और समाज सुधारक है, जिन्होंने संयम, त्याग, परोपकार व धर्म देशना से आत्म कल्याण के सुगम व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 22, 2017 7:18 AM
कोलकाता. भारत में अध्यात्म ज्ञान और धर्म की त्रिवेणी को सतत गतिमान बनाये रखने में संतों एवं धर्माचार्यों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. युगप्रभावक जैनाचार्य आचार्य श्री महाश्रमणजी धर्म परायण गौरवपूर्ण सभ्यता एवं संस्कृति से परिपूर्ण विश्वगुरु, विचारक और समाज सुधारक है, जिन्होंने संयम, त्याग, परोपकार व धर्म देशना से आत्म कल्याण के सुगम व प्रभावक उद्बोधन दिये हैं, ऐसे महापुरुषों से प्रेरणा पाथेय पाकर अनेक भवीजनों ने अपना जीवन सफल किया है. वर्तमान परिप्रेक्ष में अशांति और आतंकवाद के भयावह वातावरण में शांति और साम्प्रदायिक सौहार्द की नितांत आवश्यकता है.

पूज्य प्रवर अहिंसा, शांति और नैतिकता की प्रतिष्ठापना के द्वारा सामाजिक स्वस्थ्यता के लिए अथक परिश्रम कर रहे हैं. उन्होंने अहिंसा यात्रा द्वारा देश-विदेश के गांवों और शहरों का पैदल भ्रमण किया है. अपने प्रवचनों से सामाजिक एकता एवं सद्भावना का संदेश दे रहे हैं. समन्वय और सह-अस्तित्व के चेतना को विकसित करके ही अमन-चैन कायम हो सकता है. ज्ञान के अपरिमेय महासागर आचार्य श्री महाश्रमणजी परोपकार को सर्वोपरि मान जनकल्याण के विराट मिशन को लेकर कोलकाता के विभिन्न क्षेत्रों मे विचरण कर रहे हैं. इसी क्रम में बेहाला स्थित सीएमडीए बीग कॉमप्लेक्स में पूज्य प्रवर का पदार्पण हुआ. अपने क्षेत्र में आराध्य के चरणकमल पाकर समस्त बेहाला वासी उत्साहित थे.

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में आचार्य प्रवर ने प्रेरणा पाथेय देते हुए योग का महत्व बताया एवं नमो सिद्धाणं का दर्शन केन्द्र पर ध्यान करवाया. साध्वी प्रमुखाश्री कनकप्रभाजी ने मंगल उद्बोधन दिया. मुख्य नियोजिका साध्वी श्री विश्रुतविभाजी ने प्रतिदिन योगाभ्यास से शारिरीक, मानसिक व भावात्मक स्वस्थ लाभ बताया और कायोत्सर्ग का प्रयोग करवाया. विचार-आचार-संस्कार अच्छा हो तो हमारा जीवन सार्थक हो सकता है. पिछले दिनों से चल रहे पूज्यप्रवर के अहिंसा यात्रा जुलूस की प्रवास व्यवस्था समिति की तरफ से श्री मोती सिंघी एवं उनकी पूरी टीम सुरक्षा एवं यातायात व्यवस्था का कार्यभार सुचारू रूप से देख रहे हैं. उपरोक्त जानकारी आचार्य श्री महाश्रमण चतुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति की महामंत्री सूरज बरड़िया ने दी.

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