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पहाड़ बंद का आठवां दिन : गुरुंग पर हत्या का मामला दर्ज

गोरखालैंड आंदोलन पर पुलिस ने कसा शिकंजा गोजमुमो के अन्य नेता भी पुलिस के निशाने पर जीटीए के अस्तित्व पर भी संकट गोजमुमो के सभी सदस्य देंगे इस्तीफा दार्जीलिंग/सिलीगुड़ी : अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर जारी आंदोलन के दौरान पहाड़ की स्थिति और भी बिगड़ गयी है. हालांकि यहां फिलहाल हिंसा की कोई […]

गोरखालैंड आंदोलन पर पुलिस ने कसा शिकंजा
गोजमुमो के अन्य नेता भी पुलिस के निशाने पर
जीटीए के अस्तित्व पर भी संकट
गोजमुमो के सभी सदस्य देंगे इस्तीफा
दार्जीलिंग/सिलीगुड़ी : अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर जारी आंदोलन के दौरान पहाड़ की स्थिति और भी बिगड़ गयी है. हालांकि यहां फिलहाल हिंसा की कोई नयी घटना तो नहीं हुई है, पर राजनीतिक गतिविधियां काफी तेजी से बढ़ रही हैं. यहां तक कि गोजमुमो सुप्रीमो बिमल गुरुंग के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है. साथ ही जीटीए के अस्तित्व को भी ग्रहण लग गया है.
जीटीए में गोजमुमो के सभी सदस्यों ने इस्तीफा देने की घोषणा की है. गुरुवार को पहाड़ पर आठवंे दिन भी गोजमुमो का बंद जारी रहा. कुछ दिनों पहले हिंसा के बाद पिछले दो-तीन दिनों से पहाड़ पर शांति बनी हुई है. लेकिन सरकार और पुलिस के नये रुख से फिर से पहाड़ पर शांति भंग होने की आशंका है. गोजमुमो सुप्रीमो बिमल गुरुंग के खिलाफ पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया है.
यह जानकारी गोजमुमो समर्थित स्टडी फोरम के नेता पी अर्जुन ने दी है. गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले गोरखालैंड के लिए हिंसक आंदोलन के दौरान पुलिस फायरिंग में तीन गोजमुमो समर्थकों की मौत हो गयी थी. इसी मामले को लेकर बिमल गुरुंग व गोजमुमो के कई शीर्ष नेताओं पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है. पी अर्जुन ने कहा है कि पुलिस फायरिंग में गोजमुमो के ही तीन समर्थकों की मौत हो गयी और पुलिस ने उलटे मोरचा नेताओं के खिलाफ ही हत्या का मामला दर्ज कर लिया. उन्होंने राज्य सरकार पर गोरखालैंड आंदोलन को पुलिस की मदद से कुचलने का आरोप लगाया. श्री अर्जुन ने राज्य सरकार के इस रुख की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि यदि सरकार इसी तरह से कड़े कदम उठायेगी, तो आंदोलन दबेगा नहीं, बल्कि और बढ़ेगा.
गुरुंग के िखलाफ मामले की निंदा
इधर, मोरचा के केंद्रीय सहसचिव विनय तामांग ने कहा कि 17 जून को सिंहमारी में पुलिस की गोली से मोरचा के तीन समर्थकों की मौत हो गयी थी और काफी संख्या में लोग घायल हो गये थे. इस घटना को लेकर पुलिस ने मोरचा प्रमुख बिमल गुरुंग, नारी मोरचा प्रमुख आशा गुरुंग सहित कई लोगों पर मामला दर्ज किया है. इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि यह मुकदमा पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, जिला प्रशासनिक अधिकारी व मंत्रियों के खिलाफ होना चाहिए था. इस घटना के लिए ये सभी जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि पहाड़ पर राज्य सरकार ने इंटरनेट के साथ ही टीवी चैनलों पर भी रोक लगा दी है, जो गलत है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गोरखालैंड की मांग को दबाने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन यह दबनेवाला नहीं है. मुख्यमंत्री का यह प्रयास बेकार साबित होगा और गोरखालैंड आंदोलन और उग्र होगा. दिल्ली, कोलकाता, मुंबई आदि शहरों में गोरखालैंड की मांग के समर्थन में रैली, धरना-प्रदर्शन हो रहे हैं. श्री तामांग ने कहा कि कुछ कर्मचारी छिप कर कार्यालय जा रहे हैं, जो ठीक नहीं है. अलग राज्य सभी के लिए है, यह बात उन्हें समझना चाहिए और आंदोलन का समर्थन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि 24 जून को त्रिपुरा में भी गोरखालैंड की मांग को लेकर विशाल रैली निकाली जायेगी. एक प्रश्न के जवाब में श्री तामांग ने कहा कि हमारी मांग गोरखालैंड है, इसके अलावा अन्य किसी विषय पर बात नहीं होगी.
27 तक इंटरनेट सेवा बंद
दार्जीलिंग पर्वतीय क्षेत्र में अब 27 जून तक इंटरनेट सेवा पर रोक रहेगी. दार्जीलिंग में बाद कालिम्पोंग जिला प्रशासन ने भी इस आशय का निर्देश जारी किया है. कालिम्पोंग के जिला अधिकारी डॉ विश्वनाथ द्वारा जारी निर्देश में कई टीवी चैनलों के प्रसारण पर भी रोक लगा दी गयी है.
बंद से एंबुलेंस सेवाएं ठप, खाट पर मरीज
दार्जिलिंग में बंद से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है. एंबुलेंस चालक मरीजों को ले जाने से इनकार कर रहे हैं. परिजन खाट को ही एंबुलेंस बना कर मरीजों को अस्पताल पहुंचा रहे हैं. पहाड़ों पर स्थानीय केबल कनेक्शन बंद कर दिये गये हैं. इस बीच, बोर्डिंग स्कूल से छात्र अपने घर जाने लगे हैं.

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