बंगाल का विभाजन कभी नहीं: गौतम देव
सिलीगुड़ी. अलग राज्य गोरखालैंड की मांग पर उग्र आंदोलन कर रहे गोजमुमो को राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने बातीचीत के लिए आगे आने की अपील की है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि किसी भी कीमत पर बंगाल का विभाजन नहीं होगा. पहाड़ के युवाओं द्वारा ट्यूबलाइट पीठ पर […]
सिलीगुड़ी के हिलकर्ट रोड स्थित पर्यटन कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए श्री देव ने कहा कि विश्व में ऐसी कोई भी समस्या नहीं है जिसका समाधान बातचीत से संभव नहीं है. भारत विश्व का सबसे बड़ा गणतंत्र हैं और यहां सबको अपनी मांगे रखने का हक है. लेकिन किसी भी मांग को पूरा कराने के लिए हिंसक आंदोलन सही नहीं है. श्री देव ने कहा कि गोरखा जनमुक्ति मोरचा (गोजमुमो) के आंदोलन से सबसे अधिक नुकसान पहाड़ के आम लोगों को ही हो रहा है. कुछ लोग पहाड़ पर अगणतांत्रिक रूप से अशांति फैला कर उसे अलग राज्य गोरखालैंड की मांग पर आंदोलन बता रहे हैं. पहाड़ की भोली-भाली जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. जिस पहाड़वासियों को गोरखालैंड का सपना दिखाया जा रहा है, आंदोलन के नाम पर उन्हीं को पहाड़ से खदेड़ा भी जा रहा है. अपने ही लोगों के घरों, अस्पतालों व शिक्षण संस्थानो में आग लगाना किस तरह का आंदोलन है. देश के भविष्य माने जाने वाले युवा आंदोलन के नाम पर ट्यूबलाइट से स्वयं को घायल कर रहे हैं. आंदोलन के नाम पर जान-माल की हानी हो रही है.
पहाड़ पर खाद्य संकट उत्पन्न हो गया है. एक गणतांत्रिक देश में इस तरह का रवैया समझ से परे है. श्री देव ने आगे कहा कि मामता बनर्जी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार विकास के पथ पर लगातार आगे बढ़ रही है. पिछले छह वर्षों में मुख्यमंत्री ने राज्य का कायाकल्प कर दिया है.
पहाड़ के लोगों ने भी सुश्री बनर्जी को अपना नता मान लिया है. यही बात कुछ लोगों को हजम नहीं हो रही है. राज्य की मुख्यमंत्री बंगाल की पहली मुख्यमंत्री जिन्होंने अब तक सौ से भी अधिक बार पहाड़ का दौरा किया है. पहाड़ के विकास के लिये सभी प्रयास किये जा रहे हैं. राज्य सरकार ने आंदोलनकारियों से विचार-विमर्श का दरवाजा खोल दिया. सिलीगुड़ी गेस्ट हाउस में सर्वदलीय बैठक भी बुलायी गयी थी. राज्य सरकार हर वख्त विचार-विमर्श के लिये तैयार है. हम सभी पहाड़ पर शांति चाहते हैं. इसके लिए आंदोलनकारियों को भी बातचीत की राह पर आना होगा.