कोलकाता. अलग गोरखालैंड राज्य के मुद्दे पर पहाड़ पर गोरखा जनमुक्ति मोरचा का आंदोलन जारी है. आंदोलन के साथ-साथ मोरचा समर्थकों द्वारा की जा रही हिंसक घटनाआें का सिलसिला भी नहीं थमा है. इस बीच केंद्र सरकार ने दार्जिलिंग की वर्तमान स्थिति के बारे में एक बार फिर राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की है. दूसरी तरफ राज्य सरकार ने केंद्र से पहाड़ पर आैर केंद्रीय बल भेजने का आवेदन किया है. केंद्रीय गृह सचिव ने यह जानकारी दी.
केंद्रीय गृह सचिव के अनुसार केंद्र राज्य के आवेदन पर विचार कर रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य ने दार्जिलिंग समेत पहाड़ के अन्य हिस्सों में तैनात केंद्रीय महिला सुरक्षा कर्मियों को वापस बुलाने के लिए कहा है. इसके साथ ही राज्य ने पहाड़ पर तैनात सशत्र सीमा बल (एसएसबी) की दो कंपनी को वापस बुला कर उनके स्थान पर सीआरपीएफ की कंपनी भेजने का आवेदन किया है. केंद्र का कहना है कि कोई राज्य इस तरह का आवेदन नहीं कर सकता है. केंद्र ने राज्य सरकार से यह भी पूछा है कि एसएसबी एवं महिला सुरक्षा कर्मियों को हटाने के आवेदन के पीछे कारण क्या है.
पहाड़ पर कोई भी गड़बड़ी बरदाश्त नहीं : गौतम
सिलीगुड़ी. आंदोलन के नाम पर गोजमुमो और उसके प्रमुख बिमल गुरूंग पहाड़ पर गुंडागर्दी कर रहे हैं. ये लोग एक तरह से राजनीतिक गुंडे हैं. इनके खिलाफ राज्य सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी. ये बातें तृणमूल कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सह राज्य पर्यटन मंत्री गौतम देव ने कही. वह सोमवार को यहां संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि गोजमुमो ने आंदोलन के नाम पर पूरे राज्य मंत्रिमंडल पर हमला करने की कोशिश की. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले दिनों दार्जिलिंग में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक बुलायी थी. उसी दौरान गोजमुमो ने मंत्रियों पर हमले की योजना बनायी. श्री देव ने आरोप लगाते हुए कहा कि दार्जिलिंग के गोरखा रंगमंच का इस्तेमाल पुलिस एवं मंत्रियों पर हमले के लिए किया गया. बिमल गुरूंग उसके बाद भी नहीं रूके. गोजमुमो द्वारा गोरखालैंड के नाम पर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं एवं समर्थकों पर हमले किये जा रहे हैं. 150 से भी अधिक तृणमूल नेता और समर्थक पहाड़ छोड़ने को मजबूर हुए. डर से इन लोगों ने अपना घर-द्वार छोड़ दिया है. यहां तक कि मिरिक नगरपालिका के वाइस चेयरमैन पर हमला किया गया. उनके घर में पेट्रोल बम से आग लगायी गयी. इसमें वाइस चेयरमैन जिम्बा बुरी तरह से घायल हो गये हैं. अब भी सिलीगुड़ी के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है. गोरखालैंड आंदोलन शुरू होने के बाद से अब तक गोजमुमो ने तृणमूल कांग्रेस के 22 नेताओं के घरों में आग लगा लगायी है.
गोरखालैंड : आमरण अनशन को तैयार गोजयुमो
दार्जिलिंग. सर्वदलीय बैठक के बाद गोरखा जनमुक्ति युवा मोरचा (गोजयुमो) आमरण अनशन के लिए कार्यक्रम तय करेगा. गोजयुमो के केंद्रीय महासचिव अमृत योंजन ने पत्रकारों से कहा कि 6 जुलाई को सर्वदलीय बैठक होने जा रही है. उसके बाद गोजयुमो गोरखालैंड की मांग को लेकर दार्जिलिंग और दिल्ली में आमरण अनशन किया जायेगा. गोजयुमो ने दार्जिलिंग जिला अधिकारी कार्यालय के समक्ष आमरण अनशन पर बैठने की योजना बनायी है. लेकिन अगर वहां अनुमति नहीं मिली, तो अन्य स्थान पर अनशन किया जायेगा. इसी तरह से दिल्ली में भी आमरण अनशन पर करेंगे. उन्होंने कहा कि गोरखालैंड आंदोलन को प्रभावशाली बनाने के लिए सभी दल एक मंच पर आये हैं, लेकिन हम लोग सुन रहे हैं कि कुछ राजनीतिक दल कोलकता जाने की तैयारी भी कर रहे हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए. गोजमुमो जीटीए को त्यागकर गोरखालैंड के प्रति गंभीर होने का प्रमाण दे चुका है. अब गोरामुमो को भी छठी अनुसूचि की मांग छोड़ गोरखालैंड के लिए आगे आना चाहिए.श्री योंजन ने कहा : हम लोग मोरचा प्रमुख विमल गुरूंग को भी बता चुके हैं कि इस बार सिर्फ और सिर्फ गोरखालैंड पर बात होगी. अन्य कोई व्यवस्था मंजूर नहीं है.