कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा लगाये गये आरोपों को खारिज करते हुए राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संवाददाता सम्मेलन में जिस प्रकार की भाषा का प्रयोग किया है और गलत व्यवहार किया है, इससे वह अवाक हैं. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि किसी भी राज्य में मुख्यमंत्री व राज्यपाल के बीच हुई बातचीत अत्यंत गोपनीय होती है और कोई भी इसे जगजाहिर नहीं करता.
साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री को अपमानित करने की बात को सिरे से नकारते हुए कहा ‘मैंने मुख्यमंत्री से कुछ नहीं कहा है. मैंने ना ही उनको अपमानित किया है, ना ही धमकी दी है और ना ही उनके साथ अमानवीय बातचीत की है. मैंने सिर्फ मुख्यमंत्री से राज्य में कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने की बात कही है.
वहीं, मुख्यमंत्री द्वारा राज्यपाल के पद पर उठाये गये सवाल पर श्री त्रिपाठी ने कहा कि किसी भी प्रदेश में राज्यपाल का पद भी संवैधानिक पद है. एक राज्यपाल, किसी भी राज्य का प्रमुख होता है और वह राज्य के सभी पार्टी, समाज व श्रेणी के लिए अभिभावक के समान होता है.
उन्होंने कहा कि अगर राज्य में किसी प्रकार की गंभीर समस्या पैदा होती है, जिससे राज्य की जनता प्रभावित हो रही है तो राज्यपाल को पूरा हक है कि वह राज्य सरकार से इस बारे में सवाल पूछे. राज्य में किसी प्रकार की अप्रिय घटना के बाद राज्यपाल मूक दर्शक बन कर नहीं रह सकता. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के बयान व भाषा से वह आश्चर्यचकित हैं.
ममता बनर्जी ने राज्यपाल पर लगाये ये आरोप
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने उन्हें फोन करके धमकी दी है. संवाददाताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्यपाल ने भाजपा के एक ब्लॉक अध्यक्ष के समान भाषा का इस्तेमाल किया है. उन्होंने काफी बड़ी-बड़ी बातें की. वह अपमानित महसूस कर रही हैं. इसकी वह आदी नहीं हैं.
ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने भी राज्यपाल को स्पष्ट किया है कि वह उनसे इस तरह की भाषा का उपयोग नहीं कर सकते हैं. राज्यपाल जिस तरह से संवैधानिक पद पर हैं, वैसे ही उनका पद (मुख्यमंत्री) भी एक संवैधानिक पद है. वह किसी की दया पर मुख्यमंत्री नहीं बनी हैं. भाजपा, माकपा या कांग्रेस की दया पर नहीं बल्कि जनता के जनादेश से वह मुख्यमंत्री बनी हैं. राज्यपाल ने फोन करके उन्हें कानून-व्यवस्था बतायी. ममता बनर्जी ने सवाल उठाया कि वह क्या निष्पक्ष नहीं रह सकते? वह किसी की नौकर-चाकर नहीं हैं जो ऐसी बात कही गयी.