कोलकाता : पश्चिम बंगाल पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी के नेताअों और सांसदों को अाज भी बादुरिया जाना से रोक दिया. भाजपा के सांसद ओम माथुर, मीनाक्षी लेखी और सत्यपाल सिंह सांप्रदायिक हिंसा की आग में जल रहे उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट थाना क्षेत्र के बादुरिया जाना चाह रहे थे. उनका कहना था कि वे हालात का जायजा लेना चाहते हैं, लेकिन उन्हें हिरासत में लेकर वापस कोलकाता भेज दिया गया.
ग्राउंड जीरो रिपोर्ट : पश्चिम बंगाल के बादुड़िया में सांप्रदायिक हिंसा का दर्द तो लंबे अरसे तक रहेगा
भाजपा सांसदों को पुलिस ने रोका, तो ओम माथुर भड़क गये. उन्होंने पुलिस से कहा, ‘हम सांसद हैं. पता है आपको? प्रिविलेज मोशन आ जायेगा, तो आप मर जाओगे.’ लेकिन, पुलिस ने उनकी एक न सुनी और कोलकाता एयरपोर्ट पर ही तीनों को हिरासत में ले लिया.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि बादुरिया में दंगा फैलने के बाद पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने केंद्रीय बलों को दंगाग्रस्त इलाकों में भेजने से इनकार कर दिया. गृह मंत्रालय के कहने के बावजूद ममता बनर्जी की सरकार ने केंद्र को हिंसा की रिपोर्ट नहीं भेजी.
सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर एक पोस्ट के कारण बादुरिया में हिंसा भड़की थी, जिसने सांप्रदायिक रंग ले लिया. इस मामले में एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है. ज्ञात हो कि कल ही भाजपा की महिला नेता रूपा गांगुली के नेतृत्व में एक दल बादुरिया रवाना हुआ था, लेकिन उन्हें भी रास्ते में ही हिरासत में ले लिया गया. हिरासत में लेने के बाद उन्हें कोलकाता भेज दिया गया.