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पहाड़ फिर लहूलुहान : दार्जिलिंग में भड़की हिंसा ने ले ली 3 की बलि, सेना ने संभाला मोरचा

दार्जिलिंग : गोरखालैंड आंदोलन ने दार्जिलिंग पहाड़ पर एक बार फिर से तीन लोगों की बलि ले ली है. पिछले एक महीने से जारी आंदोलन के दौरान अबतक 6 लोगों की मौत हो गयी है. पहाड़ पर पिछले कुछ दिनों से शांति थी. यहां अलग राज्य के लिए आंदोलन तो चल रहा था, लेकिन पुलिस […]

दार्जिलिंग : गोरखालैंड आंदोलन ने दार्जिलिंग पहाड़ पर एक बार फिर से तीन लोगों की बलि ले ली है. पिछले एक महीने से जारी आंदोलन के दौरान अबतक 6 लोगों की मौत हो गयी है. पहाड़ पर पिछले कुछ दिनों से शांति थी. यहां अलग राज्य के लिए आंदोलन तो चल रहा था, लेकिन पुलिस फायरिंग, आगजनी या हिंसा की घटनाएं नहीं हो रही थी. शुक्रवार की रात को दार्जिलिंग के सोनादा कस्बे में पुलिस की गोली से एक व्यक्ति की मौत के बाद शनिवार सुबह सोनादा के साथ ही पूरे पर्वतीय क्षेत्र में ने सिरे से बवाल हो गया.

पुलिस फायरिंग की घटना के बाद लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया. आक्रोशित लोग तोड़फोड़ और हिंसा पर उतारू हो गये. इसमें पुलिस बूथ तथा कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया. आक्रोशित भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े. देखते-देखते सोनादा की आग दार्जिलिंग शहर तक पहुंच गयी.

दार्जिलिंग में पुलिस फायरिंग में एक आंदोलनकारी की मौत हो गयी.पुलिस ने मृतक का नाम सूरज सुंदास बताया है. सोनादा में मारे गये तासी भूटिया के भाई जिंदे भूटिया ने सोनादा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. जिंदे ने कहा कि मैं बीमार था और मेरी दवा लाने के लिए ही भाई तासी को सोनादा बाजार भेजा था. उसी समय पुलिस ने भाई पर गोली चलायी और भाई की मौत हो गयी. इस संदर्भ में गोरामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता नीरज जिम्बा ने कहा है कि बीमार जिंदे भुटिया की दवा लाने के लिए उसका भाई बाजार गया था. पुलिस ने गोरखालैंड समर्थक तासी भूटिया को गोली मार दी. इधर, गोरामुमो प्रमुख मन घीसिंग ने घटना की न्यायिक जांच की मांग की है. गोजमुमो के केंद्रीय सह-सचिव विनय तामांग ने कहा कि पुलिस ने एक गोरखालैंड समर्थक को मार डाला है.

हम लोग पुलिस के इस तरह के कृत्य की कठोर शब्दों में निंदा करते हैं. इधर, सोनादा में हुई घटना ने दार्जिलिंग शहर को भी अपने लपेटे में ले लिया है. गोरखालैंड समर्थकों ने शहर के रेलवे स्टेशन के पास पुलिस की एक गाड़ी तोड़ दी है. शहर के पुलिस ट्राफिक बूथों को आग के हवाले कर दिया है. शहर के जज बाजार स्थित तृणमूल कार्यालय में तोड़फोड़ की गयी. गोरखालैंड समर्थकों द्वारा सदर थाना, टाउन डीएसपी कार्यालय आदि पर पत्थरबाजी की गयी. इस घटना को देखते हुए पुलिस आंसू गैस के गोले भी दागे. इस दौरान एक गोरखालैंड समर्थक की गोली लगने से मौत हो गयी. मृतक का नाम सूरज सुंदास (35) बताया गया है. प्रशासन ने शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए शहर के प्रमुख मार्गों पर भारी मात्रा में पुलिस बल की तैनाती की है. खबर लिखे जाने तक पुलिस और गोरखालैंड समर्थकों के बीच पत्थरबाजी हुई. यह दो मौत का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि सिंहमारी इलाके में एक और गोरखालैंड समर्थक की मौत पुलिस फायरिंग में हो गयी. मृतक का नाम समीर गुरूंग(42) बताया गया है और वह रोपवे इलाके का रहने वाला था.उसके बाद पहाड़ का संकट और गहरा गया है. दार्जिलिंग में एक बार फिर से सेना की तैनाती कर दी गयी है.

बड़े पैमाने पर आगजनी

पुलिस फायरिंग में तीन गोरखालैंड समर्थकों की मौत के बाद हिंसा ने पूरे पहाड़ को अपने लपेटे में ले लिया है. बड़े पैमाने पर विभिन्न स्थानों पर आगजनी शुरू हो गयी है. दार्जिलिंग में ट्वाय ट्रेन स्टेशन में आगजनी की घटना हुई है. कालिम्पोंग में लेप्चा डेवलपमेंट बोर्ड के कार्यालय को आग के हवाले कर दिया गया है. वन विभाग के नेवरा रेंज इलाके में क्वार्टरों में तोड़फोड़ की गयी है. कालिम्पोंग के गोरूबथान में दो गाड़ियों को फूंक दिया गया. मिरिक में थुर्बो चाय बागान के निकट पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया गया है.गोरखालैंड समर्थक जब तासी का शव लेकर निकले तो भीड़ ने सोनादा स्टेशन तथा डीएसपी कार्यालय को आग के हवाले कर दिया. सोनादा थाने को भी भीड़ ने फूंक दिया. दार्जिलिंग के डीएफओ कार्यालय में भी आग लगा दी गयी है.

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