कोलकाता : केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने अर्थशास्त्री व नोबल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन पर वृत्तचित्र बनाने वाले निर्देशक को इसमें गाय सहित चार शब्दों को म्यूट करने को कहा है और उसे मंजूरी देने से इनकार कर दिया है. ‘द आर्ग्यूमेनटेटिव इंडियन ’ नामक वृत्तचित्र बनाने वाले निर्देशक सुमन घोष ने बताया कि सीबीएफसी के क्षेत्रीय कार्यालय ने जिन चार शब्दों को म्यूट करने के लिए कहा है वे हैं ‘गुजरात’, ‘गाय’, ‘हिंदुत्व व्यू ऑफ इंडिया’ और ‘हिंदू इंडिया’.
जो भी बोलना है, इस संबंध में फिल्म निर्देशक बोलेंगे. प्रसिद्ध बांग्ला साहित्यकार शीर्षेंदु मुख्यापाध्याय ने वित्त चित्र को रोके जाने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्होंने वित्त चित्र को नहीं देखा है. इस वित्त चित्र को मंजूरी नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है. ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता शंघ घोष ने कहा कि यह घटना पूरी तरह से लज्जानजक है.कवि श्रीजांत बंद्योपाध्याय ने कहा कि उनका मानना है कि यह शब्द किसी भी रूप में आपत्तिजनक नहीं हैं. इन शब्दों को हटाने कहने की कोई जरूरत नहीं है. वित्त चित्र को तत्काल अनुमति दी जानी चाहिए. सीबीएफसी के एक सदस्य से इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा निदेशक की बात पर मीडिया में कोई बात नहीं करनी है.