पासपोर्ट सेवा केंद्र जाकर नवजात की बॉयोमेट्रिक इम्प्रिंट देने की होगी समीक्षा
कोलकाता. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कोलकाता के समाजसेवी व सांस्कृतिक कार्यकर्ता संदीप भूतोड़िया के पत्र के जवाब में नवजात को पासपोर्ट सेवा केंद्र ले जाकर बॉयोमेट्रिक इम्प्रिंट (फ्रिंगर प्रिंट) देने की व्यवस्था पर समीक्षा का आदेश दिया है. विदेश मंत्री के निर्देशानुसार विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने बताया कि नवजात को पासपोर्ट […]
श्री भूतोड़िया ने 27 जून को विदेश मंत्री सुभाष स्वराज को लिखे पत्र में आग्रह किया था कि ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए कि अभिभावकों को नवजात फिंगरप्रिंट देने के लिए उसे पासपोर्ट सेवा केंद्र ले जाना नहीं पड़े, क्योंकि इससे नवजात को इंफेक्शन की आशंका रहती है.
श्रीमती स्वराज ने इस पर समीक्षा का आदेश दिया है. श्री भूतोड़िया ने श्रीमती स्वराज को लिखा : मैं इस तथ्य की ओर आपका ध्यान आकर्षित कराना चाहता हूं. वर्तमान नियम के अनुसार, भारत में नवजात को पासपोर्ट बनाने उसे पासपोर्ट सेवा केंद्र में ले जाना पड़ता है, ताकि पासपोर्ट बनाने संबंधित आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की जा सकें. श्री भूतोड़िया ने इस बाबत ट्वीट भी किया, जिसका समाज के विभिन्न वर्गों का समर्थन मिला है.
उन्होंने लिखा : उन अभिभावकों के लिए यह चिंताजनक स्थिति है, जिन्हें नवजात के लिए पासपोर्ट की जरूरत होती है. अभिभावकों को भय रहता है कि कहीं नवजात को रोग व संक्रमण नहीं हो जाये, क्योंकि नवजात को संक्रमित होने का खतरा बहुत ही अधिक रहता है. चूंकि पासपोर्ट सेवा केंद्र बहुत से लोग जाते हैं. ऐसी स्थिति में वहां के वातावरण को नवजात के अनुकूल सेनेटाइज्ड करना सब समय संभव नहीं होता है. उन्होंने श्रीमती स्वराज को लिखे पत्र में आग्रह किया कि नवजात के पासपोर्ट बनाने की ऐसी व्यवस्था की जाये, जिसमें नवजात को फिंगरप्रिंट देने के लिए पासपोर्ट सेवा केंद्र ले जाना नहीं पड़े.