प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर ने फिर मुख्यमंत्री पर साधा निशाना, कहा बंगाल बन गया है अफगानिस्तान

कोलकाता: बुधवार को शहीद मीनार मैदान में हुई सफल जनसभा के बाद प्रदेश कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर लगातार हमला करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने अपना तेवर अब और सख्त कर लिये हैं. यही वजह है कि गुरुवार को पत्रकारों से जब अधीर मुखातिब हुए, तो उन्होंने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 14, 2017 10:14 AM
कोलकाता: बुधवार को शहीद मीनार मैदान में हुई सफल जनसभा के बाद प्रदेश कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर लगातार हमला करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने अपना तेवर अब और सख्त कर लिये हैं. यही वजह है कि गुरुवार को पत्रकारों से जब अधीर मुखातिब हुए, तो उन्होंने पश्चिम बंगाल में गिरती कानून व्यवस्था को सामने लाते हुए मुख्यमंत्री को कठघरे में खड़ा किया और कहा कि ममता बनर्जी की मानें, तो आज बंगाल अफगानिस्तान बन गया है.

बंगाल में जिस तरह से विपक्ष के नेताओं और कार्यकर्ताओं को मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप में फंसाया जा रहा है, वह काफी चिंता का विषय है. हजारों की संख्या में युवा मादक पदार्थ रखने के जुर्म में जेलों में बंद हैं, उन्हे साजिश के तहत फंसाया जा रहा है. अगर प्रशासन की मानें, तो हालत अफगानिस्तान की तर्ज पर हैं.

उन्होंने कहा कि जलते बंगाल की कहानी अगर सीएम की जुबानी सुनी जाये तो दार्जिलिंग, बशीरहाट और भांगड़ में हाल के दिनों में जो घटनाएं हुई हैं उसमें विदेशी ताकतों का हाथ है. यह एक गंभीर मामला है. अगर ऐसा है, तो मुख्यमंत्री को इस मामले में सीधे केंद्र सरकार से मदद लेनी चाहिए. लेकिन वह ऐसा नहीं कर रही हैं. उल्टे बयानबाजी कर लोगों का ध्यान भटकाने में जुटी हुई हैं. इसका नतीजा है कि आज पश्चिम बंगाल की हालत बदतर हो गयी है. सुश्री बनर्जी राज्य की हालत सुधारने की बजाय विरोधी दलों को निपटाने में अपनी ताकत लगा रही हैं.
अधीर चौधरी ने मांग की कि पश्चिम बंगाल के शांत बशीहाट में किसने दंगा करवाया, उसकी न्यायिक जांच के लिए मुख्यमंत्री द्वारा गठित आयोग की रिपोर्ट तुरंत जारी हो, इसकी व्यवस्था की जाये.
पहाड़ पर आंदोलन बंद हो : पार्थ
कोलकाता. गोरखालैंड के मुद्दे पर पिछले कई दिनों से चल रहे पहाड़ बंद आंदोलन पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने वहां के लोगों की हो रही असुविधा को देखते हुए कहा कि पहाड़ में चल रहे हड़ताल को खत्म करना चाहिए. वहां के लोगों को हो रहीं दिक्कतों को देखते हुए आंदोलनरत सभी पार्टी के नेता और दलों को राज्य सरकार के आवेदन पर सहयोग कर वार्ता के लिए राजी होना चाहिए. उन्होंने कहा कि आठ जून से दार्जिलिंग की हालत नाजुक है. आंदोलन के नाम पर स्कूल व शिक्षण संस्थानों के साथ-साथ सरकारी संपत्तियों को जलाया जा रहा है. उन्हें नुकसान पहुंचाया जा रहा है. यह किस तरह का आंदोलन है और यह किस तरह की शिक्षा है. इस तरह से केवल आम लोगों को तकलीफ ही होगी, लोगों का भला नहीं होगा. इसलिए आंदोलनकारियों को चाहिए कि वह हिंसा का रास्ता छोड़कर बातचीत से राज्य सरकार के पास अपना पक्ष रखें.

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