आरोप के अनुसार समझौते की मियाद समाप्त होने पर राज्य व केंद्र सरकार की ओर से सही भूमिका का पालन नहीं किया गया. मिरिक में एक सभा के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के वक्तव्य के बाद स्थिति और बिगड़ गयी.
वाममोरचा में शामिल दलों और अन्य वामपंथी दलों की ओर से मांग की गयी है कि दार्जिलिंग में आंदोलनरत लोगों के प्रतिनिधियों, केंद्र और राज्य सरकार की ओर से त्रिपक्षीय बैठक कर वहां की समस्या का समाधान निकाला जाये. इधर राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द और एकता के माहौल के समर्थन में जिलेभर में वामपंथी दलों की ओर से शांति रैली निकाले जाने का निर्णय लिया गया है. भांगड़ में आंदोलन करने वाले लोगों के समर्थन में 30 जुलाई को 18 वामंपथी दलों की ओर से भांगड़ में रैली निकाली जायेगी.