कोलकाता: सात जुलाई को इस्ट-वेस्ट मेट्रो सुरंग स्ट्रैंड रोड क्रॉस कर ब्रेबर्न रोड में प्रवेश किया, उसके बाद के दस दिन हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण था. हमारे पास अपना श्रेष्ठ देने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था. यहां एक भी गलती का मतलब था भारी तबाही. उक्त बातें केएमआरसीएल के मैनेजिंग डायरेक्टर सतीश कुमार ने कहीं.
केएलआरसीएल भवन में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री कुमार ने कहा : हमारे अधिकारी और इंजीनियर्स की टीम ने दस दिनों तक रात-दिन बड़े ही संवेदशनशील तरीके से काम किया और हम बगैर किसी अनहोनी के ब्रेबर्न रोड से आगे निकल गये. श्री कुमार ने सुरंग का हुगली नदी पार करना और ब्रेबर्न रोड को क्रॉस करने को माइल स्टोन कार्य बताया. उन्होंने कहा कि शनिवार से न्यू महाकरण स्टेशन की खुदाई का कार्य शुरू हो जायेगा.
इसमें तकरीबन सात लाख टन मिट्टी को निकाला जा चुका है, जबकि करीब एक लाख टन कंंक्रीट सुरंग के निर्माण में खपत हो चुका है. इसके साथ पूरी सुरंग को तैयार करने में अब तक 2451 रिंग्स को फिक्स किया जा चुका है. श्री कुमार बताते हैं कि टनल बोरिंग मशीन मिट्टी काट कर उसी स्थान पर कंक्रीट के रिंग्स को फिक्स कर देती है. एक रिंग की लंबाई 1.4 मीटर है, जबकि वह छह पीस में बंटा हुआ है. रिंग को एक विशेष मेटेरियल से तैयार किया गया है. यह रिंग इतना मजबूत है कि सौ वर्ष तक बिना मरम्मत के भी इसके लिकेज होने की शून्य बराबर भी संभावना नहीं है. जानकारों की माने तो यह सुरंग अगले सौ सालों तक समान स्थिति में रहेगी.
भूकंप आने से भी इस पर कोई असर नहीं पड़ेगा. श्री कुमार ने बताया कि सुरंगों से निकली अब तक सात लाख टन गीली मिट्टी का निबटारा भी एक बड़ी समस्या थी. चुंकि खुदाई की मिट्टी को निकालने का हमारे पास एक ही स्थान था और वह था हावड़ा मैदान. हमने इस मुद्दे पर राज्य सरकार के साथ एक बैठक की. बैठक में तय हुआ कि राज्य सरकार केएमआरसीएल को कुछ ऐसे डंपिंग ग्राउंड मुहैया करायेगी, जहां हम गिली मिट्टी को डंप करेंगे. चुंकि इतनी मात्रा में मिट्टी को डंप करने के लिए बड़ा स्थान चाहिए था, लिहाजा हमने हावड़ा की पुलिस लाइन और हावड़ा के कई ग्रामीण इलाकों को चुना है. जहां मिट्टी को डंप किया जा रहा है. सुरंग में काम कर रहे एक इंजीनियर ने बताया कि सुरंग तैयार होते ही मशीन के पीछे काम कर रहे कर्मचारी तैयार सुरंग में रेल लाइन बैठा देते हैं. इसके तैयार होते ही छोटी मालवाहक रेल गाड़ियों के माध्यम से मिट्टी को निकाला जाता है. मिट्टी निकालने के काम में दिन-रात सौ से ज्यादा कर्मी लगे रहते हैं. वर्तमान में ब्रेबर्न रोड के नीचे खुदाई कर रही टनल बोरिंग मशीन से निकली मिट्टी को मजदूर छोटी ट्रेन में लोड कर दे रहे हैं.
इसके बाद मिट्टी लदी ट्रेन नदी के नीचे सुरंग से होते हुए हावड़ा स्टेशन और फिर हावड़ा मैदान पहुंचती है. ट्रेन के हावड़ा मैदान पहुंचते ही क्रेन द्वारा मिट्टी को जमीन के उपर लाया जाता है. मिट्टी के उपर आते ही इसे ट्रकों में लाद कर डंपिंग ग्राउंड तक पहुंचा दिया जाता है.गौरतलब है कि सात जुलाई को इस्ट-वेस्ट मेट्रो की सुरंग स्ट्रैंड रोड क्रॉस कर ब्रेबर्न रोड फ्लाइओवर के नीचे पहुंची थी, जिसके बाद तीन दिनों के लिए ब्रेबर्न रोड पर गाड़ियों का परिचालन बंद कर दिया गया था. मिली जानकारी के अनुसार, शनिवार को न्यू महाकरण स्टेशन का कार्य शुरू होगा. 8996 करोड़ की बजट वाली इस्ट-वेस्ट मेट्रो परियोजना का प्रथम फेज फूलबगान से सेक्टर-पांच तक 2018 जुलाई में पूरा होगा, जबकि हावड़ा मैदान से सेक्टर-फाइव तक की पूरी परियोजना 2020 तक पूरी होने की उम्मीद जतायी जा रही है.