ममता ने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार को दिया समर्थन

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आगामी राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार प्रदीप भट्टाचार्य को समर्थन देने का निर्णय किया है. ममता ने राज्य विधानसभा में संवाददाताओं से कहा, ‘ हमारे सभी पांचों उम्मीदवार जीतेंगे और हम छठी सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार को समर्थन देंगे.’ कांग्रेस उम्मीदवार प्रदीप भट्टाचार्य और माकपा की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 28, 2017 3:15 PM

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आगामी राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार प्रदीप भट्टाचार्य को समर्थन देने का निर्णय किया है. ममता ने राज्य विधानसभा में संवाददाताओं से कहा, ‘ हमारे सभी पांचों उम्मीदवार जीतेंगे और हम छठी सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार को समर्थन देंगे.’ कांग्रेस उम्मीदवार प्रदीप भट्टाचार्य और माकपा की अगुवाईवाले वाम मोर्चा के उम्मीदवार विकास रंजन भट्टाचार्य ने शुक्रवार को अपना नामांकन दाखिल किया. वार्म मोर्चा की ओर से भी उम्मीदवार खड़ा करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘वे क्यों अराजनैतिक कह रहे हैं? वह कोई अराजनैतिक व्यक्ति नहीं हैं.’

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पहले माकपा ने राज्यसभा सीट के लिए अराजनैतिक उम्मीदवार खड़ा करने का प्रस्ताव दिया था. तृणमूल कांग्रेस हाई कमान ने इस सप्ताह की शुरुआत में कांग्रेस आलाकमान से कहा था कि अगर वह लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार अथवा प्रदीप भट्टाचार्य को राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाती है तो वह उसे समर्थन देंगी. गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में राज्यसभा की छह सीटों के लिए चुनाव आठ अगस्त को होना है. फिलहाल यहां छह में से चार सीटें तृणमूल कांग्रेस के पास, एक माकपा और एक कांग्रेस के पास है.

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ज्ञात हो कि कांग्रेस चाहती थी कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी को वामदल राज्यसभा भेजें. कांग्रेस उन्हें अपना समर्थन देने के लिए भी तैयार थी. लेकिन, पोलित ब्यूरो ने कांग्रेस की मदद से अपने उम्मीदवार को राज्यसभा भेजने के कांग्रेस के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया. साथ ही कहा गया कि पार्टी की परंपरा के विपरीत किसी नेता को राज्यसभा का लगातार तीसरा कार्यकाल नहीं मिलेगा.

उधर, कांग्रेस को उम्मीद थी कि यदि सीताराम केसरी एक बार फिर राज्यसभा पहुंच जायेंगे, तो आनेवाले दिनों में उच्च सदन में कमजोर हो रहे विपक्ष को एक मजबूत नेता मिल जायेगा. इससे कांग्रेस को सरकार पर हमले करने में मदद मिलेगी. लेकिन उसकी इस मंशा पर दक्षिण के वामपंथियों ने पानी फेर दिया.

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