मालदा में अनन्नास लाया किसानों के चेहरे पर खुशी
मालदा. मालदा के वरिंद इलाके में अनन्नास की खेती से हजारों किसानों के चेहरे पर मुस्कुराहट छा गयी है. राज्य सरकार के अंतर्गत बागवानी विभाग ने अब मालदा में अनन्नास की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सहयोग का हाथ बढ़ा दिया है. उत्तर बंगाल में दार्जिलिंग व उत्तर दिनाजपुर जिलों में […]
मालदा. मालदा के वरिंद इलाके में अनन्नास की खेती से हजारों किसानों के चेहरे पर मुस्कुराहट छा गयी है. राज्य सरकार के अंतर्गत बागवानी विभाग ने अब मालदा में अनन्नास की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सहयोग का हाथ बढ़ा दिया है. उत्तर बंगाल में दार्जिलिंग व उत्तर दिनाजपुर जिलों में मुख्य रूप से अनन्नास की खेती होती है, लेकिन राज्य में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अनन्नास किसानों के सहयोग की पहल की.
बागवानी विभाग के मुताबिक मालदा जिले के वरिंद इलाके में बामनगोला ब्लाक के नालगोला में वर्तमान में करीब एक हजार हेक्टेयर पर अनन्नास की खेती की जा रही है. बामनगोला इलाके में दो हजार से अधिक किसान अनन्नास की खेती कर एक सीजन में कम से कम लाखों रुपये आय कर रहे हैं.
धान की खेती से अधिक लाभ मिलने से अनन्नास की खेती में किसान अपना आग्रह दिखा रहे हैं. एक बीघा अनन्नास की खेती कर किसान 80 से एक लाख रुपये की आमदनी करते हैं. बागवानी विभाग ने बताया कि मालदा में ज्वाइंट क्यू प्रजाति के अनन्नास की खेती की जाती है. जो बहुत स्वादिष्ट भी होता था. जैव तकनीक से खेती कर अधिकांश किसानों को काफी फायदा हुआ. पंद्रह महीने के अंदर अनन्नास पूरी तरह से परिपक्व होता जाता है. इसके अलावा बीज से पौधे तैयार करने में भी किसानों को अधिक लाभ मिला.
एक बीघा खेत में करीब 12 हजार पौधे लगाये जाते हैं. प्रति पौधे तीन से चार रुपये में बेचे जाते हैं. अनन्नास किसानों का कहना है कि धान के उत्पादन से प्रति बीघा दो से तीन हजार रुपये मिलते हैं, लेकिन अनन्नास के उत्पादन से इससे कई गुणा लाभ मिलता है. उद्यान पालन विभाग के अधिकारी राहुल चक्रवर्ती ने बताया कि मालदा में अनन्नास की खेती के लिए आवश्यक ढांचा है, यह साबित हो चुका है. राज्य सरकार ने अनन्नास की खेती करने वाले किसानों को सहयोग करने की पहल की है.