बंगाल : बाढ़ से मरनेवालों की संख्या 50 तक पहुंची, फसल को भारी नुकसान

कोलकाता : नये सिरे से भारी बारिश नहीं होने के कारण राज्य में बाढ़ की स्थिति में सुधार आया है. इसी बीच, बाढ़ के कारण मरनेवालों की संख्या 50 तक जा पहुंची है. राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के सूत्रों के अनुसार मंगलवार तक बाढ़ से 46 लोगों की मौत हुई थी, बुधवार को यह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 2, 2017 8:10 PM

कोलकाता : नये सिरे से भारी बारिश नहीं होने के कारण राज्य में बाढ़ की स्थिति में सुधार आया है. इसी बीच, बाढ़ के कारण मरनेवालों की संख्या 50 तक जा पहुंची है. राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के सूत्रों के अनुसार मंगलवार तक बाढ़ से 46 लोगों की मौत हुई थी, बुधवार को यह संख्या बढ़कर 50 हो गयी.

राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार बाढ़ के पानी में डूब कर 26 लोग मारे गये हैं. वहीं, करंट लगने से चार, दीवार के नीचे दबने से पांच, वज्रपात से छह, सांप के काटने से सात और नाव डूबने की घटना में दो लोग की जान गयी है.

बाढ़ की स्थिति में सुधार होने के कारण राहत शिविरों की संख्या कम होने लगी है. आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य में अब 151 राहत शिविर काम कर रहे हैं. पिछले कई दिनों तक हुई लगातार भारी बारिश व डीवीसी के जलाश्यों से अत्यधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने की वजह से भयानक बाढ़ से राज्य के 27 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. 18 जिलों के 106 ब्लॉक में सबसे अधिक नुकसान हुआ है.

बाढ़ के कारण खेती को जबरदस्त नुकसान पहुंचा है. पर सबसे अधिक तबाही धान, पाट व सब्जी की खेती की हुई है. बाढ़ आने से पहले किसानों ने तीन लाख 17 हजार 675 हेक्टेयर जमीन में धान का बीज लगाया था, जिसमें 59 लाख 394 हेक्टेयर की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गयी है. वहीं, एक लाख 82 हजार 285 हेक्टेयर जमीन पर धान रोपा गया था. इसमें से एक लाख 79 हजार 721 हेक्टेयर क्षतिग्रस्त हो गयी है.

कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार दो लाख 58 हजार 296 हेक्टेयर जमीन पर पाट की खेती की गयी थी, जिसमें से दो हजार 731 हेक्टर जमीन पर पाट की खेती नष्ट हो गयी है. वहीं सब्जी की खेती एक लाख 20 हजार 182 हेक्टेयर पर की गयी थी, जिसमें से 29 हजार 779 हेक्टेयर जमीन पानी में डूब गयी. कृषि मंत्री पुर्णेंदु बसु ने बताया कि किसानों को नये सिरे से बीज बोना होगा. हम लोगों ने तैयारी शुरू कर दी है. 15 दिन के अंदर यह काम करना होगा. बीज तैयार है, जिसे किसानों को मुफ्त में दिया जायेगा.

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