बंगाल : तृणमूल के पांच व कांग्रेस के एक उम्मीदवार निर्विरोध चुने गये राज्यसभा के सदस्य
कोलकाता : चुनाव आयोग ने वाम मोरचा के उम्मीदवार व पूर्व मेयर विकास रंजन भट्टाचार्य का नामांकन पत्र खारिज होने के बाद तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार डेरेक ओ ब्रायन, डोला सेन, डॉ मानस रंजन भुईंया, सुखेंदु शेखर राय व शांता छेत्री तथा कांग्रेस के उम्मीदवार प्रदीप भट्टाचार्य निर्विरोध राज्यसभा के सांसद चुने गये. विधानसभा में […]
कोलकाता : चुनाव आयोग ने वाम मोरचा के उम्मीदवार व पूर्व मेयर विकास रंजन भट्टाचार्य का नामांकन पत्र खारिज होने के बाद तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार डेरेक ओ ब्रायन, डोला सेन, डॉ मानस रंजन भुईंया, सुखेंदु शेखर राय व शांता छेत्री तथा कांग्रेस के उम्मीदवार प्रदीप भट्टाचार्य निर्विरोध राज्यसभा के सांसद चुने गये. विधानसभा में विधानसभा सचिव व रिटर्निंग ऑफिसर जयंत कोले ने उम्मीदवारों को सांसद निर्वाचित होने का प्रमाणपत्र प्रदान किया.
वाम मोरचा उम्मीदवार विकास रंजन भट्टाचार्य का नामांकन रद्द होने के बाद राज्यसभा चुनाव की छह सीटों के लिए छह उम्मीदवार ही चुनावी मैदान में रह गये थे. इस कारण बिना प्रतिद्वंद्विता के सभी उम्मीदवारों को निर्विरोध रूप से सांसद घोषित कर दिया गया.
उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने मनोनयन पत्र दाखिल करने के दौरान हलफनामा दायर करने में विलंब के मद्देनजर श्री भट्टाचार्य का नामांकन दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद खारिज कर दिया था. विधानसभा में विपक्ष के नेता सुजन चक्रवर्ती ने वाम मोरचा के उम्मीदवार के नामांकन रद्द किये जाने को साजिश करार देते हुए कहा कि वे लोग हलफनामा दायर करने के इच्छुक थे, लेकिन पूर्व साजिश के तहत वाम मोरचा के उम्मीदवार का नामांकन रद्द कर दिया गया.
नामांकन पत्र दाखिल करने के दिन से ही नामांकन रद्द करने की साजिश रची जा रही थी. वे लोग इस बाबत कानूनी सलाह के बाद अगला कदम उठायेंगे. राज्य के संसदीय मंत्री व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने चुनाव आयोग के निर्णय का उचित करार देते हुए कहा कि माकपा चुनाव आयोग को बदनाम करने की कोशिश कर रही है. माकपा उम्मीदवार का नामांकन पूरी तरह से अवैध था, क्योंकि हलफनामा समय पर दायर नहीं किया गया था तथा चुनाव आयोग ने विभिन्न पक्षों से निर्णय के बाद यह निर्णय लिया है.