जीत के लिए हर मुमकिन तरकीब अपनायेगी भाजपा
कोलकाता: भाजपा ने त्रिस्तरीय रणनीति के तहत वर्ष 2020 तक का एजेंडा बनाया है, जिसे सफल बनाने के लिए नेता से कार्यकर्ता जमीन-आसमान एक करते हुए जमकर पसीना बहा रहे हैं. अभी से ही भाजपा छोटे-छोटे चुनावों को भी अहमियत दे रही है. मसलन, बार काउंसिल का चुनाव हो या सरकारी या फिर गैरसरकारी किसी […]
कोलकाता: भाजपा ने त्रिस्तरीय रणनीति के तहत वर्ष 2020 तक का एजेंडा बनाया है, जिसे सफल बनाने के लिए नेता से कार्यकर्ता जमीन-आसमान एक करते हुए जमकर पसीना बहा रहे हैं. अभी से ही भाजपा छोटे-छोटे चुनावों को भी अहमियत दे रही है.
मसलन, बार काउंसिल का चुनाव हो या सरकारी या फिर गैरसरकारी किसी संस्थान में चुनाव हर जगह अपना उम्मीदवार देने की रणनीति बनायी गयी है. इन सबके बीच, लक्ष्य पंचायत चुनाव है. वर्ष 2018 में होनेवाले पंचायत चुनाव के लिए हाल ही में हावड़ा के सलकिया में ग्रामीण इलाके के नेताओं को लेकर कैलाश विजयवर्गीय, सुरेश पुजारी व शिवप्रसाद सरीखे नेता मीटिंग कर चुके हैं.
भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि वह लोग खुद पहले कोई विवाद नहीं करेंगे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हमलोग गांधीवादी है. अगर कोई झगड़ा फसाद करेगा, तो हम मुंहतोड़ जवाब देंगे. जवाब ऐसा होगा कि विरोधी दोबारा हम पर हमला करने की सोचेगा भी नहीं. ग्रामीण अंचल के भाजपा नेताओं को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वे किसी भी तरह का कटू वचन नहीं बोलें और गांव में हर उस व्यक्ति के साथ संर्पक बढ़ायें, जो लोगों की मदद में सबसे पहले आता है.
इसके अलावा एक मोटे डंडे पर पार्टी का झंडा लगाकर छोटे-छोटे जुलूस हाट-बाजार में निकालें. इससे जहां भाजपा की गतिविधि लोगों के बीच चर्चा में आयेगी, तो दूसरी ओर मोटा डंडा उनकी लड़ाकू मानसिकता को दर्शायेगा.
साथ ही गांव के पढ़े-लिखे लोगों को वक्ता के रूप में उभारने का निर्देश भी दिया गया है. भाजपा ऐसा इसलिए कर रही है, ताकि लोगों में यह संदेश जाये कि भाजपा किसी व्यक्ति विशेष आधारित पार्टी नहीं है. यहां हर किसी को मौका मिलेगा, जिसके पास प्रतिभा है. योग्य व्यक्ति का हक नहीं मारा जायेगा.
पंचायत चुनाव हमारे लिए एसिड टेस्ट : देवश्री
भाजपा की महासचिव देवश्री चौधरी के मुताबिक पंचायत चुनाव हमलोगों के लिए एसिड टेस्ट है. चूंकि बंगाल के लोग सीधे-साधे और सरल लोग होते हैं, इसलिए हम पंचायत चुनाव के माध्यम से उन्हीं के बीच के आदमी को नेतृत्व के रूप में सामने लायेंगे. पार्टी का पूरा ध्यान इस बात पर है कि गांव के सभ्य, पढ़े-लिखे और मददगार लोग पार्टी से जुड़ें. पार्टी के कार्यकर्ता लोगों को अपने साथ जोड़ने के लिए हाथ लिखे पोस्टर और हैंडबिल के साथ हाट, बाजार, जुलूस और नुक्कड़ सभाओं पर जोर दे रहे हैं. पंचायत में मिली सफलता ही वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हाथ और मजबूत करेगी. 2019 के बाद पार्टी का एक मात्रलक्ष्य होगा नवान्न. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए पंचायत चुनाव को आधार बनाया जा रहा है. भाजपा यह भी संदेश देना चाहती है कि वह महज चुनाव की खानपूर्ति करने के लिए नहीं, बल्कि जीतने के मकसद को लेकर मैदान में उतर रही है. और जीत के लिए हर मुमकिन कोशिश की जायेगी.