तृणमूल नेताओं के खिलाफ चार्जशीट
ममता पर पुलिसिया दमन के विरोध में की थी उद्योग भवन के समक्ष तोड़फोड़ सिंगूर आंदोलन के समय का है मामला कोलकाता. सिंगुर में टाटा के नैनो कारखाने को जमीन प्रदान किये जाने के तत्कालीन वाम मोरचा सरकार के निर्णय के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस ने जमकर आंदोलन किया था. उस समय स्वयं तृणमूल सुप्रीमो व […]
ममता पर पुलिसिया दमन के विरोध में की थी उद्योग भवन के समक्ष तोड़फोड़
सिंगूर आंदोलन के समय का है मामला
कोलकाता. सिंगुर में टाटा के नैनो कारखाने को जमीन प्रदान किये जाने के तत्कालीन वाम मोरचा सरकार के निर्णय के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस ने जमकर आंदोलन किया था. उस समय स्वयं तृणमूल सुप्रीमो व वर्तमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में जबरदस्त आंदोलन किया गया था. यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया अौर टाटा को कारखाना हटाने के लिए विवश होना पड़ा.
इसी मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस को विशाल जनसमर्थन भी मिला. उस समय आंदोलन में शामिल तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ तत्कालीन वाम सरकार ने मुकदमा दायर किया था. विडंबना यह है कि अब उन्हीं नेताओं के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस की सरकार ने चार्ज गठन किया है. पुलिस के इस कदम से खुद तृणमूल कांग्रेस के नेता अवाक हैं.
गौरतलब है कि इस चार्जशीट में पूर्व परिवहन मंत्री मदन मित्रा के करीबी रंजीत दे, तृणमूल कांग्रेस के महासचिव वैश्वानर चट्टोपाध्याय, आइएनटीटीयूसी के नेता अालोक अधिकारी समेत कई नेताओं का नाम है. इन नेताओं की ओर से अदालत में बोरो चेयरमैन और वकील अनिंद राउत मामला लड़ेंगे.
उल्लेखनीय है कि सिंगूर में जब ममता बनर्जी आंदोलन कर रही थीं, उस वक्त वह वामपंथी कार्यकर्ताओं और पुलिस के गुस्से का शिकार हुई थीं. उनके साथ हुई बदसलूकी के खिलाफ उद्योग निगम के दफ्तर पर मदन मित्रा की अगुवाई में विरोध प्रर्दशन और तोड़फोड़ भी की गयी थी.
उसी एफआइआर में इन नेताओं का नाम था. पहली बार जब पार्टी सत्ता में आयी तो इस मामले को रफा-दफा समझा गया, लेकिन दूसरी बार सत्ता में आने के एक साल बाद अचानक पुलिस ने इन नेताओं के खिलाफ चार्जशीट जमा कर दिया है.