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ममता बनर्जी ने कहा, नोटबंदी और जीएसटी मोदी सरकार के दो बड़े घोटाले

कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर राज्यों पर जीएसटी थोप देने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन लोगों के पास जीएसटी स्वीकार करने के सिवा कोई विकल्प नहीं बचा था. यदि जीएसटी को लेकर राज्य सरकार अध्यादेश लागू नहीं करती तो खजाने से लेनदेन बंद हो जाता. सरकारी कर्मियों को वेतन […]

कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर राज्यों पर जीएसटी थोप देने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन लोगों के पास जीएसटी स्वीकार करने के सिवा कोई विकल्प नहीं बचा था. यदि जीएसटी को लेकर राज्य सरकार अध्यादेश लागू नहीं करती तो खजाने से लेनदेन बंद हो जाता. सरकारी कर्मियों को वेतन नहीं मिलता तथा मूलभूत विकास और सरकारी कार्य पूरी तरह से बंद हो जाते. उन लोगों के लिए जीएसटी स्वीकार करना बाध्यता है. इस कारण ही सरकार अध्यादेश लाने के लिए बाध्य हुई थी.

मंगलवार को विधानसभा में जीएसटी विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. सुश्री बनर्जी ने कहा कि नोटबंदी व जीएसटी दो बड़े घोटाले हैं. उन्होंने कहा कि मूलभूत रूप से जीएसटी की भावना को लेकर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन जिस जल्दबाजी में इसे लाया गया है. उसे लेकर आपत्ति है. जिस रूप से जीएसटी लाया गया है, नीतिगत रूप से उनकी सरकार इसका विरोध करती है तथा आगे भी विरोध जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि बिना मूलभूत व्यवस्था के ही जीएसटी लाया गया है तथा इससे आम लोगों व छोटे कारोबारियों को काफी परेशानी हो रही है.
वित्त मंत्री अमित मित्रा ने कहा कि राज्य सरकार विधेयक को पारित करने के लिए बाध्य हुई है, लेकिन वे लोग जीएसटी काउंसिल की बैठक में आम लोगों की हित में लड़ाई करते रहेंगे. उन्होंने जीएसटी काउंसिल की बैठक में न केवल विरोध किया था, वरन मीटिंग से वाकआउट भी किया था. जीएसटी नेटवर्क में लगभग 4000 करोड़ का लेनदेन होगा, लेकिन उस तरह का सिस्टम तैयार नहीं हुआ है.
उन्होंने कहा कि जब उन्होंने सिस्टम के टेस्ट करने की बात कही, तो उन लोगों ने कहा कि प्रत्येक राज्य में 200 कंपनी इनका ख्याल रखेगी, लेकिन 30 फीसदी से अधिक लेनदेन असफल रहे हैं. इससे साबित होता है कि सिस्टम अभी तक पूरी तरह से तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार ने जीएसटी लागू करने को स्थगित रखने की अपील की थी, ताकि नयी कर व्यवस्था के लिए लोग, तकनीक और सिस्टम तैयार हो जायें. वाम मोरचा के विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि अब जब जीएसटी लागू हो गया है.
ऐसी स्थिति में जीएसटी पर चर्चा करने का कोई अर्थ नहीं है. यह पूरी तरह से अर्थहीन है. अगस्त,2016 के विधानसभा सत्र के दौरान जीएसटी को चर्चा की सूची में रखा गया था, लेकिन अंतिम समय पर इस पर चर्चा नहीं हुई.
यदि उस समय इस पर चर्चा होती तो उन लोगों के विचारों का कुछ महत्व था और जीएसटी काउंसिल के चेयरमैन के रूप में अमित मित्रा उन लोगों की बातें रख पाते, लेकिन राज्य सरकार विधानसभा को विश्वास में नहीं लिया और अब केंद्र सरकार ने जल्दबाजी में जीएसटी लागू किया, तो राज्य सरकार भी जल्दबाजी कर रही है. कांग्रेस के विधायक असित मित्रा ने भी कहा कि चूंकि अब जीएसटी लागू हो गया है. इस कारण इस पर चर्चा करने कोई अर्थ नहीं है. इससे आम उपभोक्ता व छोटे कारोबारियों को नुकसान हो रहा है.

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