जज के सामने आत्मदाह की कोशिश

कोलकाता. अपने शरीर पर पेट्रोल फेंक कर कलकत्ता हाइकोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश निशिथा म्हात्रे की अदालत में आत्महत्या करने की कोशिश एक वृद्ध ने की. बेहला चौरास्ता के रहनेवाले गणेश माझी मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश की अदालत में चले गये. न्याय चाहिए का नारा लगाने लगे. तभी अचानक वृद्ध ने अपने शरीर पर पेट्रोल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 9, 2017 9:37 AM
कोलकाता. अपने शरीर पर पेट्रोल फेंक कर कलकत्ता हाइकोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश निशिथा म्हात्रे की अदालत में आत्महत्या करने की कोशिश एक वृद्ध ने की.
बेहला चौरास्ता के रहनेवाले गणेश माझी मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश की अदालत में चले गये. न्याय चाहिए का नारा लगाने लगे. तभी अचानक वृद्ध ने अपने शरीर पर पेट्रोल उड़ेल लिया. हालांकि आग लगाने से पहले ही वकील कल्लोल बसु और वकील मोहम्द आरफीन ने उन्हें रोक लिया. पुलिस वृद्ध से पूछताछ कर रही है. मंगलवार को रोजाना की तरह ही कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश निशिथा म्हात्रे और न्यायाधीश तपोव्रत चक्रवर्ती की खंडपीठ में सुनवाई चल रही थी. अचानक अदालत में बैठे एक वृद्ध खड़े हो गये और न्याय चाहिए का नारा लगाने लगे. किसी के कुछ समझने से पहले ही पॉकेट से एक बोतल निकल कर उसका तरल पदार्थ अपने शरीर पर उन्होंने उड़ेल लिया. इसके बाद गैस लाइटर जलाकर अपने शरीर में आग लगाने का प्रयास किया. तभी उन्हें वकीलों ने पकड़ लिया. घटना के बाद अदालत से न्यायाधीश निकल गयीं. देखते ही देखते हाइकोर्ट में यह खबर फैल गयी. कामकाज थम सा गया.
पुलिस ने वृद्ध को अपने कब्जे में लेकर आत्महत्या का कारण पूछना शुरू किया. पुलिस ने जानना चाहा कि आखिर किस न्याय को पाने के लिए वह ऐसा कर रहे थे, लेकिन वृद्ध ने कोई उत्तर नहीं दिया.
एक प्रमोटर से जमीन को लेकर चल रहा विवाद, दो बार मामला हार चुके थे. 88 वर्षीय गणेश माझी का एक प्रमोटर से जमीन को लेकर विवाद है. 2008 में मामला अलीपुर अदालत में शुरू हुआ. आरोप है कि स्थानीय एक प्रमोटर ने वृद्ध की बेहला के संजीव पल्ली के तीन नंबर बीरेन राय रोड की कुछ जमीन हथिया कर प्रमोटिंग शुरू की. अदालत में वृद्ध मामला हार गये थे. 2014 में कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश ज्योतिर्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ में मामला चला. वहां भी वृद्ध की हार हुई. उनका आरोप है कि षडयंत्र के तहत उन्हें हराया गया. मामले के दौरान पहले उनकी पत्नी की मौत हुई. बाद में उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली. उनका एकमात्र बेटा आरामबाग में खेती करता है. वृद्ध के दिन बेहला के फुटपाथ पर कटते हैं.

Next Article

Exit mobile version