स्वीमिंग पुल की अस्थायी संरचना में अटका था शव, 20 घंटे बाद बरामद हुआ तैराकी प्रशिक्षक का शव

कोलकाता: महानगर के हेदुआ स्थित स्वीमिंग पुल में डूबने के करीब 20 घंटे बाद यानी शनिवार को तड़के करीब तीन बजे राष्ट्रीय स्तर के तैराक व प्रशिक्षक काजल दत्त (67) का शव बरामद हो पाया. पुलिस सूत्रों के अनुसार स्वीमिंग पुल में उतरने के लिए बांस और लकड़ी से बने कई अस्थायी प्लेटफार्म बना हुआ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 13, 2017 11:37 AM
कोलकाता: महानगर के हेदुआ स्थित स्वीमिंग पुल में डूबने के करीब 20 घंटे बाद यानी शनिवार को तड़के करीब तीन बजे राष्ट्रीय स्तर के तैराक व प्रशिक्षक काजल दत्त (67) का शव बरामद हो पाया. पुलिस सूत्रों के अनुसार स्वीमिंग पुल में उतरने के लिए बांस और लकड़ी से बने कई अस्थायी प्लेटफार्म बना हुआ है. इसी अस्थायी संरचना के एक हिस्से में काजल दत्त का शव अटका हुआ था. उनके शरीर पर जख्मों के निशान मिले हैं.
कैसे हुआ शव बरामद
पुलिस के अनुसार गत शुक्रवार की सुबह आठ बजे से रात करीब 9.30 बजे तक काजल दत्त को तलाशा गया. जब सफलता हाथ नहीं लगी, तो स्वीमिंग पुल का कुछ पानी बाहर निकाला गया. जल का स्तर कम होने पर काजल दत्त का हाथ दिखने लगा. उसके बाद कोलकाता पुलिस के डिजास्टर मैनेजमेंट ग्रुप (डीएमजी) के सदस्यों ने उनके शव को बाहर निकाला. कलकत्ता मेडिकल कॉलेज व अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने उनके मृत होने की पुष्टि की. बताया जा रहा है कि स्वीमिंग पुल में झींगा पकड़ने के लिए अक्सर काजल दत्त स्वीमिंग पुल में उतरते थे.
आशंका व्यक्त की जा रही है कि झींगा पकड़ने के दौरान हादसा हुआ होगा. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. गौरतलब है कि गत वर्ष 31 मई को इसी स्वीमिंग पुल में तैराकी सीखते समय कलकत्ता विश्वविद्यालय की एक छात्रा की मौत हो गयी थी. उसके बाद काजल दत्त की मौत के बाद स्वीमिंग पुल की व्यवस्था को लेकर कई सवाल उठाये जा रहे हैं. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है.
पुल के बाहर कपड़े देख कर प्रशिक्षक के डूबने का हुआ था संदेह
शुक्रवार की सुबह करीब सात बजे काजल दत्त स्वीमिंग पुल में तैरने के लिए उतरे थे. स्वीमिंग पुल के बाहर उनके कपड़े देख कर लोगों को संदेह हुआ और उनकी तलाश शुरू की गयी. तलाश अभियान में निगमकर्मियों ने भी पुलिस की पूरी मदद की. कई घंटे बाद उनका शव बरामद किया जा सका. काजल दत्त बऊबाजार व्यायाम समिति में तैराकी का प्रशिक्षण देते थे.

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