जन्माष्टमी व देशभक्ति के रंग में रंगा वनबंधु परिषद का 28वां वार्षिकोत्सव

कोलकाता. वनवासियों के सर्वांगीण विकास को समर्पित संस्था वनबंधु परिषद का 28 वां वार्षिकोत्सव जन्माष्टमी व देशभक्ति से ओत-प्रोत रहा. रविवार की शाम जीडी बिड़ला सभागार में इस अवसर पर श्री हरि सत्संग समिति के कथाकारों द्वारा भक्ति संगीत व राष्ट्र प्रेम पर आधारित एकल सुर एकल ताल की भव्य प्रस्तुति ने लोगों को भाव-विभोर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 15, 2017 10:09 AM

कोलकाता. वनवासियों के सर्वांगीण विकास को समर्पित संस्था वनबंधु परिषद का 28 वां वार्षिकोत्सव जन्माष्टमी व देशभक्ति से ओत-प्रोत रहा. रविवार की शाम जीडी बिड़ला सभागार में इस अवसर पर श्री हरि सत्संग समिति के कथाकारों द्वारा भक्ति संगीत व राष्ट्र प्रेम पर आधारित एकल सुर एकल ताल की भव्य प्रस्तुति ने लोगों को भाव-विभोर कर दिया.

उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करते हुए देश के विशिष्ट उद्योगपति व समाजसेवी लक्ष्मीनारायण गोयल ने कहा कि वनवासियों को आत्म-निर्भर बनाने का जो प्रयास वनबंधु परिषद द्वारा किया जा रहा है, वह बेहद प्रशंसनीय है और 2021 तक 1 लाख एकल विद्यालयों का लक्ष्य भी सुगमता से पूर्ण होगा, क्योंकि यह एक सत्-संकल्प है, जिसकी पूर्णता में कोई संशय नहीं रहता.

मुख्य अतिथि सोहनराज सिंघवी ने वनबंधु परिषद के सेवा कार्यों की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए लोगों का आह्वान किया कि वे वनवासियों के उत्थान के इस अभियान से जुड़ कर इसे गति प्रदान करें. प्रधान वक्ता के रुप में परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष सजन कुमार बंसल ने परिषद की गतिविधियों व भावी योजनाओं से अवगत कराते हुए कहा कि फिलहाल 55000 एकल विद्यालय वनवासियों के लिए सेवारत् हैं और 1 लाख विद्याालयों का लक्ष्य भी निर्धारित समय से पहले ही हासिल कर लिया जायेगा. मंचासीन लोगों में रामानंद रुस्तगी, सत्यनारायण देवरालिया, रमेश कुमार सरावगी, रामेश्वर लाल काबरा, मांगीलाल जैन, श्याम गुप्त, गीता मुंधड़ा आदि गणमान्य लोग शामिल थे.

इस अवसर पर फर्स्ट डे कवर स्टाम्प का उद्घाटन पोस्ट आॅफिस के डिप्टी डायरेक्टर जयंत चौधरी ने किया जबकि रोटरी इंटरनेशनल के शेखर मेहता को एकल अभियान की अग्रगति में विशिष्ट अवदान व इसके विस्तार में भरपूर सहयोग के आश्वासन हेतु सम्मानित किया गया. आयोजन की सफलता में मनोज कुमार मोदी, बुलाकी दास मिमाणी, रमेश माहेश्वरी, महेश भुवालका, सुरेन्द्र बाफना, नीरज हीरोदिया, विजय माहेश्वरी, संदीप पित्ती आदि का सक्रिय सहयोग रहा.

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