जांच के दायरे में आयीं कोलकाता की शेल कंपनियां

कोलकाता: पिछले साल जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का एलान किया तो अधिकारियों का ध्यान एक मुद्दे पर गया. अधिकारियों ने ध्यान दिया कि अचानक शेल कंपनियों (फर्जी कंपनियों) के बैंक जमा बढ़ गया. नोटबंदी के बाद ऐसे मामले को केंद्र सरकार ने सहज रूप में नहीं लिया. सरकार ने इस बात का अंदाजा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 17, 2017 8:16 AM

कोलकाता: पिछले साल जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का एलान किया तो अधिकारियों का ध्यान एक मुद्दे पर गया. अधिकारियों ने ध्यान दिया कि अचानक शेल कंपनियों (फर्जी कंपनियों) के बैंक जमा बढ़ गया. नोटबंदी के बाद ऐसे मामले को केंद्र सरकार ने सहज रूप में नहीं लिया. सरकार ने इस बात का अंदाजा तो लगा ही लिया था कि रुपये के असली मालिक को बचाने के लिए फर्जी कंपनियों के सहारे पर जोर दिया जा रहा है. मोदी सरकार ने ऐसी शेल कंपनियों पर सख्ती बरतनी शुरू कर दी.

इसके बाद फर्जी कंपनियों के ठिकाने के रूप में कोलकाता का नाम सामने आने लगा है.आम बजट में पीएमओ में बनी है टास्क फोर्स: ऐसी कंपनियों के खिलाफ नियम सख्त करने और प्रधानमंत्री कार्यालय में गत सप्ताह इन कंपनियों पर शिकंजा कसने के लिए बनायी गयी टॉस्क फोर्स के कदम से कोलकाता के कई लोगो‍ं को खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. सूत्रों के अनुसार, मध्य कोलकाता के लालबाजार स्ट्रीट इलाके मेें एक ही पते पर 400 से ज्यादा कंपनियों के नाम रजिस्टर्ड होने की बात सामने आयी है. इस इलाके में और भी कई जगह हैं जहां एक ही पते पर कई कंपनियां पंजीकृत हैं. लालबाजार स्ट्रीट के पास ही कोलकाता पुलिस का मुख्यालय भी है. महानगर में एनएस रोड में भी कई फर्जी कंपनियों के ठिकाने का पता चला है.

एक कर अधिकारी के अनुसार मनी लांड्रिंग के लिए कोलकाता एक खास जगह माना जाता है. यह प्रमुख ‍‍व्यवसायिक स्थल होने के साथ कोलकाता अन्य व्यवसायिक स्थलों को जोड़ने का भी प्रमुख मार्ग है. गौरतलब है कि गत महीने सरकार ने करीब दो लाख शेल कंपनियों को बंद करने का आदेश दिया. नोटबंदी के बाद केंद्र सरकार का निर्देश काफी अहम माना जा रहा है. पहले अंदाजा नहीं लगाया गया था कि मनी लांड्रिंग और आय से अधिक संपत्ति की बात छिपाने के लिए किस हद तक शेल कंपनियों का सहारा लिया गया और सहारा लिया जा रहा है. शेल कंपनियों के मामले सामने आने के बाद केंद्र सरकार सतर्क हो गयी. प्रधानमंत्री कार्यालय ने संबंधित उच्च अधिकारियों की एक टीम गठित की गयी. टीम को शेल कंपनियों का पता लगाने की जिम्मेदारी सौंप दी गयी. सूत्रों के अनुसार अभी भी करीब एक लाख कंपनियों की जांच चल रही है.

पीएम ने दी है चेतावनी: केंद्र सरकार फर्जी कंपनियों पर सख्त कार्रवाई कर टैक्स चोरी पर अंकुश लगाना चाहती है. सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार के शीर्ष सहयोगी ने बताया कि वे कालेधन के खिलाफ काफी हद तक युद्ध की स्थिति में हैं. शेल या फर्जी कंपनियों पर ऐसी कार्रवाई का काफी असर पड़ेगा. स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान प्रधानमंत्री ने शेल कंपनियों पर शिकंजा कसे जाने को सरकार की सफलता के रूप में गिनाया था. उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति लूटने वालों और कर की चोरी करने वालों को जवाब देना ही होगा.

क्या है शेल कंपनी

काले धन को सफेद करने का जरिया शेल कंपनियां होती हैं. शेल कंपनियों के जरिये संपत्ति छिपाने वाला शख्स टैक्स की चोरी करता है. अधिकांश मामलों में शेल कंपनियों का व्यवसाय सिर्फ कागजों पर चलता है. जानकारों के मुताबिक, सामान्य कंपनियों की तरह ही शेल कंपनियों का रजिस्ट्रेशन होता है. उनमें भी निदेशक होते हैं और सामान्य कंपनियों की तरह रिटर्न भी फाइल की जाती है.

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