बाबरी मस्जिद की जमीन किसी को नहीं दी जा सकती : अतहर अब्बास रिजवी

कोलकाता: फोरम ऑफ नेशनल इंटिग्रेशन नामक मुस्लिम संगठन ने बाबरी मसजिद की जमीन हिंदुआें को देने के शिया धर्मगुरू मौलाना कल्बे सादिक के प्रस्ताव की निंदा की है. यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शिया धर्मगुरु मौलाना अतहर अब्बास रिजवी ने कहा कि मस्जिद खुदा का घर होता है, जो जगह मस्जिद के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 24, 2017 9:00 AM
कोलकाता: फोरम ऑफ नेशनल इंटिग्रेशन नामक मुस्लिम संगठन ने बाबरी मसजिद की जमीन हिंदुआें को देने के शिया धर्मगुरू मौलाना कल्बे सादिक के प्रस्ताव की निंदा की है.
यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शिया धर्मगुरु मौलाना अतहर अब्बास रिजवी ने कहा कि मस्जिद खुदा का घर होता है, जो जगह मस्जिद के लिए एक बार वक्फ हो जाती है, वह जगह कयामत तक मस्जिद ही रहती है. इस स्थिति में किसी को भी किसी भी मस्जिद की जमीन किसी को देने का अधिकार नहीं है. यह हम नहीं कहते हैं, यह शरीयत का कानून कहता है. शरीयत हम लोगों ने नहीं बनायी है. शरीयत अल्लाह आैर उसके पैगंबर हजरत मोहम्मद ने तैयार की है, जिसमें कोई बदलाव नहीं कर सकता है.
मौलाना रिजवी ने कहा कि बाबरी मस्जिद की जमीन देने के संबंध में मौलाना कल्बे सादिक ने जो प्रस्ताव दिया है, वह उनका निजी विचार है. इससे शिया समुदाय का कोई लेना-देना नहीं है. निजी राय कोई भी दे सकता है. एक आैर शिया विद्धान ने कहा कि शिया हों या सुन्नी, सभी इस्लाम आैर हजरत मोहम्मद को मानते हैं. शरीयत के मामले में हम लोगों में कोई मतभेद नहीं है आैर न ही बाबरी मस्जिद के मामले में हमारे बीच कोई विवाद है. मौलाना कल्बे सादिक ने जो प्रस्ताव दिया है, वह उनकी निजी राय है. गौरतलब है कि शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे सादिक ने कुछ दिन पहले यह कहा था कि अगर मुस्लिम सुप्रीम कोर्ट में बाबरी मस्जिद मामला जीत जाते हैं, तो उन्हें सांप्रदायिक सदभाव के लिए बाबरी मसजिद की जमीन हिंदुआें को सौंप देनी चाहिए.

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