सरकार को किसानों की सुध नहीं : मस्त
कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने का फैसला लिया है. आजादी के बाद यह पहली केंद्र सरकार है, जो गांव एवं किसानों के विकास के लिए 42 फीसदी बजट विभिन्न योजनाओं पर खर्च कर रही है. जिसमें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री सड़क योजना आदि शामिल […]
कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने का फैसला लिया है. आजादी के बाद यह पहली केंद्र सरकार है, जो गांव एवं किसानों के विकास के लिए 42 फीसदी बजट विभिन्न योजनाओं पर खर्च कर रही है. जिसमें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री सड़क योजना आदि शामिल है.
कृषि हमारी जीवनधारा है, किसान इसके संवाहक हैं. प्रधानमंत्री किसानों के प्रति बेहद संवेदनशील हैं. किसानों के आर्थिक विकास में केंद्र के साथ राज्यों की भी बड़ी भूमिका है. दुर्भाग्य से पश्चिम बंगाल की ममजा बनर्जी की सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील नहीं है. ये बातें भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने भाजपा कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कही.
उन्होंने कहा कि बंगाल में किसानों पर विभिन्न तरह के दबाव की राजनीति की जाती है. केंद्र सरकार ने किसानों के लिए 1640 रुपये प्रति क्विंटल धान की खरीद का दर तय किया है, मगर यहां पर किसानों को केवल 1000 रुपये की दर मिल रही है. बाकी के 640 रुपये तृणमूल कांग्रेस के दलाल मिलीभगत कर हजम कर रहे हैं. राज्य सरकार जानबूझ कर भी अनजान बनी हुई है. बंगाल के जूट किसानों की स्थिति काफी खराब है. राज्य सरकार की नाकामी को उजागर करने के लिए 30 सितंबर को कोलकाता में एक प्रतिवाद रैली का आयोजन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि देशभर में किसानों की समस्या के समाधान के लिए किसान संवाद कार्यक्रम का अायाेजन किया जाएगा. साथ ही उन्होंने बंगाल में बाढ़ की वजह से भी फसलों की बरबादी के लिए मुआवजा देने के लिए केंद्र सरकार तक आवाज पहुंचाने का आश्वासन दिया. इस अवसर पर राज्य के किसान मोर्चा के अध्यक्ष रामकृष्ण पाल, विनय सिंह, देवयानी राय व सुजीत अवस्थी आदि मुख्य रुप से शामिल थे.