दार्जिलिंग मुद्दा : भ्रम फैला रही हैं मुख्यमंत्री : दिलीप

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बोले, जीएनएलएफ को ऑक्सीजन देने की हो रही कोशिश कहा : सर्वदलीय बैठक में सरकार को सबसे अधिक तवज्जो गोरखा जनमुक्ति मोर्चा को देना चाहिए सीएम को वृहत्तर स्वार्थ के लिए सौहार्दपूर्ण वातावरण में बातचीत शुरू करनी चाहिए कोलकाता : प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि दार्जिलिंग मुद्दे पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2017 10:32 AM
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बोले, जीएनएलएफ को ऑक्सीजन देने की हो रही कोशिश
कहा : सर्वदलीय बैठक में सरकार को सबसे अधिक तवज्जो गोरखा जनमुक्ति मोर्चा को देना चाहिए
सीएम को वृहत्तर स्वार्थ के लिए सौहार्दपूर्ण वातावरण में बातचीत शुरू करनी चाहिए
कोलकाता : प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि दार्जिलिंग मुद्दे पर मुख्यमंत्री भ्रम की स्थिति पैदा कर रही हैं. जब बातचीत से सभी पक्ष इस मामले को सुलझाना चाह रहे हैं, तभी मुख्यमंत्री कुछ इस तरह की हरकत कर दे रही हैं कि लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हो जा रही है.
29 तारीख को होनेवाली सर्वदलीय बैठक में राज्य सरकार को सबसे अधिक तवज्जो गोरखा जनमुक्ति मोर्चा को देना चाहिए, लेकिन मुख्यमंत्री एक तरह से उसको नजरअंदाज कर रही हैं, जबकि पहाड़ में अप्रासंगिक हो चुके जीएनएलएफ को नये सिरे से ऑक्सीजन प्रदान कर उसको फिर से नया जीवन देने की कोशिश कर रही हैं.
इससे पहाड़ में एक बार फिर नाराजगी दिख रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इस मुद्दे पर अपना अहम त्याग कर वृहत्तर स्वार्थ के लिए सौहार्दपूर्ण वातावरण में बातचीत शुरू करनी चाहिए, ताकि सभी पक्षों का वह दिल जीत सकें.
उन्होंने कहा कि इस मामले में बार-बार केंद्र सरकार के हस्तक्षेप की बात कही जा रही है, लेकिन केंद्र सरकार का रुख पहले ही स्पष्ट है.
बातचीत राज्य सरकार के साथ होगी, आंदोलनकारियों को वहीं बात करनी होगी. जरूरत पड़ने पर केंद्र सरकार दोनों पक्षों के बीच केवल मध्यस्थ की भूमिका निभा सकती है. ऐसे में केंद्र सरकार का नाम लेकर सिर्फ अपनी जिम्मेदारी से पल्ला छाड़ने की कोशिश की जा रही है.
दुर्गापूजा विसर्जन पर रोक राजनीतिक हथकंडा
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने राज्य सरकार को आगाह करते हुए कहा कि वह हिंदु और मुसलमान के बीच विभेद फैलाने के लिए ही दुर्गापूजा के विर्सजन पर रोक लगा रही हैं.
जबकि मुहर्रम की वजह से मुसलमान समाज की ओर से इस तरह की कोई मांग नहीं की गयी है. खुद सरकार आगे बढ़ कर हिंदु कर्मकांड में टांग अड़ा रही है. ऐसा करने का उसे कोई हक नहीं है. पिछली बार भी राज्य सरकार ने इस तरह का फैसला किया था, जिसके खिलाफ तीन पूजा कमेटियां हाईकोर्ट गयी थीं, जहां राज्य सरकार को मुंह की खानी पड़ी थी. इस बार यह संख्या बढ़ेगी और राज्य सरकार की भद्द पिटेगी.
बाढ़ पर केवल बयानबाजी हो रही है
बाढ़ पर चर्चा करते हुए उन्होेंने कहा कि राज्य के हालात नाजुक हैं और राहत कार्य के नाम पर केवल बयानबाजी हो रही है. ममता बनर्जी हालात को भांपने में बुरी तरह विफल रहीं. अपनी विफलता का ठीकरा वह केंद्र सरकार के मत्थे फोड़ना चाहती हैं.

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