पर्यावरण व राजमार्गों को सुरक्षित बनाने की पहल

कोलकाता. भारत सरकार के पेट्रोलियम कंजर्वेशन रिसर्च एसोसिएशन (पीसीआरए) व एनबीएफसी कंपनी मैग्मा फिनकॉर्प लिमिटेड ने सीएसआर कार्यक्रम के पहले चरण के तहत हाइवे हीरोज (महामार्ग नायकों) के सफल परीक्षण के समापन की घोषणा की. इसके तहत कुल एक लाख ट्रक ड्राइवरों को प्रशिक्षित किया गया है. इस पहल की शुरुआत साल 2015 में हुई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 27, 2017 8:34 AM
कोलकाता. भारत सरकार के पेट्रोलियम कंजर्वेशन रिसर्च एसोसिएशन (पीसीआरए) व एनबीएफसी कंपनी मैग्मा फिनकॉर्प लिमिटेड ने सीएसआर कार्यक्रम के पहले चरण के तहत हाइवे हीरोज (महामार्ग नायकों) के सफल परीक्षण के समापन की घोषणा की. इसके तहत कुल एक लाख ट्रक ड्राइवरों को प्रशिक्षित किया गया है.

इस पहल की शुरुआत साल 2015 में हुई थी. इसका उद्देश्य पर्यावरण प्रदूषण को कम करना, ट्रक चालकों के समुदाय की ईंधन दक्षता और लाभप्रदता बढ़ाना और सुरक्षित ड्राइविंग कौशल प्रदान करना है. पीसीआरए के कार्यकारी निदेशक आलोक त्रिपाठी ने कहा कि इसकी स्थापना के बाद से पीसीआरए (पेट्रोलियम कंजर्वेशन रिसर्च एसोसिएशन पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तत्वावधान में) ईंधन संरक्षण में काफी लाभ मिला है.

जहां तक परिवहन क्षेत्र का संबंध है, इस क्षेत्र में करीब 20 फीसदी की बचत की संभावना है. इस संबंध में मैग्मा फिनकॉप लिमिटेड के सीएसआर विभाग के वीपी कॉर्पकॉम कौशिक सिन्हा व बिजनेस हेड (उत्तर) संजीव झा ने बताया कि भारत में मध्यम और भारी ट्रकों के लगभग 2 लाख ड्राइवर हैं. औसतन एक ड्राइवर प्रति माह 10000-12,000 किलोमीटर की दूरी तय करता है.

इन्हें आँखों की समस्याएं, ठीक से नहीं बैठने की समस्याओं, खांसी-जुकाम के साथ थकावट और यहां तक की एचआइवी जैसी बीमारियों से दोचार होना पड़ रहा है. देश के हाइवे पर जो सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, उनमें कुल दुर्घटनाओं में 78.5 फीसदी (3,81,648 दुर्घटनाएं) के लिए ड्राइवरों की गलती की बात कही जाती है. इतना ही नहीं सड़क दुर्घटना में 30 फीसदी मौत ट्रक के धक्के से ही होती है. यही वजह है कि पोर्टा केबिनों पर कार्यशाला के जरिए ड्राइवरों के लिए नियमित रूप से द्वि-मासिक मुक्त परामर्श, निदान और बुनियादी दवाएं, अच्छी तरह से बैठने का तरीका आदि सिखाया जाता है.

Next Article

Exit mobile version