कोलकाता: पंचायत चुनाव में भाजपा अपना पूरा दमखम दिखाने को उतर गयी है. इसी कड़ी तहत भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी अगले महीने राज्य के दौरे पर आ रहे हैं. उनकी रणनीति अगले वर्ष होनेवाले पंचायत चुनाव के लिए संगठन को जमीनी स्तर पर इतना मजबूत करना है ताकि लोकसभा चुनाव में उसका सीधे तौर पर भाजपा को फायदा मिल सके. भाजपा से मिली जानकारी के अनुसार अमित शाह ने पहले ही एलान किया था कि पंचायत चुनाव के पहले वह बार-बार बंगाल आयेंगे.
उनका मकसद है डाॅ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की धरती पर भाजपा का ध्वज लहराना. इसके लिए वह कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. इसी कड़ी के तहत वह 10 से 12 सितंबर तक बंगाल दौरे पर कोलकाता आ रहे हैं. इस अवधि में अमित शाह जहां राज्य के बुद्धजीवियों के साथ बैठक करेंगे. वहीं, व्यवसाई समुदाय के साथ भी रूबरू होंगे. इसके अलावा प्रदेश के सभी पदाधिकारियों के साथ भी वह संवाद करेंगे. पंचायत चुनाव में भाजपा कैसे अपनी दमदार जीत दर्ज कराये, इसकी रणनीति भी बतायेंगे.
इससे पहले, अप्रैल में ही अमित शाह बंगाल दौरे पर आये थे. उस वक्त उन्होंने अपनी मंशा साफ कर दिया था कि उनके रडार पर पश्चिम बंगाल खासतौर पर है. केंद्र सरकार की विभिन्न नीतियों को लेकर सबसे ज्यादा विरोध का स्वर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ही बुलंद करती हैं. लिहाजा उन्हें लोकतांत्रिक तरीके से घेरने के लिए अमित शाह ने पंचायत चुनाव को हथियार बनाया है.
भाजपा का मिशन है कि इस बार पूर्व भारत से बड़ी संख्या में लोकसभा की सीटों पर जीत का परचम लहराये. लिहाजा असम फतह के बाद भाजपा के लिए सबसे बड़ा राज्य पश्चिम बंगाल ही है. लिहाजा इस पर पूरा फोकस अमित शाह दे रहे हैं. त्रिपुरा को लेकर भाजपा पहले से ही आशान्वित है कि वहां इस बार बेहतर परिणाम हासिल होगा. नतीजतन पंचायत चुनाव को ध्यान में रखकर भाजपा बंगाल में अपनी रणनीति बना रही है.