बकरीद पर पशु कानून मानने का निर्देश

पशु कानून को मानने की विज्ञप्ति समाचार पत्रों व चैनलों में देने का निर्देश कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट ने बकरीद के मौके पर राज्य के लोगों को सचेत करने के लिए वर्ष 1950 के पशु कानून को मानने की विज्ञप्ति समाचार पत्रों व चैनलों में देने का निर्देश राज्य सरकार को दिया है. राजश्री चौधरी द्वारा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 2, 2017 10:21 AM
पशु कानून को मानने की विज्ञप्ति समाचार पत्रों व चैनलों में देने का निर्देश
कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट ने बकरीद के मौके पर राज्य के लोगों को सचेत करने के लिए वर्ष 1950 के पशु कानून को मानने की विज्ञप्ति समाचार पत्रों व चैनलों में देने का निर्देश राज्य सरकार को दिया है.
राजश्री चौधरी द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश निशिथा म्हात्रे और न्यायाधीश तपोव्रत चक्रवर्ती की खंडपीठ ने यह निर्देश दिया. याचिकाकर्ता के वकील मेघनाथ दत्त का कहना था कि बकरीद के अवसर पर कोलकाता सहित राज्य में जहां तहां नियमों को न मानकर पशु बलि दी जाती है. यह पर्यावरण को प्रदूषित करने के अलावा बच्चों व अन्य लोगों पर भी प्रभाव डालती है. देश के अन्य राज्यों में नियमों को भले माना जाता है लेकिन बंगाल में नियम नहीं माना जाता.
इस संबंध में राज्य के एडवोकेट जनरल किशोर दत्त ने कहा कि अभी तक राज्य सरकार के पास कोई शिकायत नहीं आई है. यदि शिकायत आती तो कदम उठाया जाता.
इस संबंध में खंडपीठ का कहना था कि राज्य सरकार को और पहले सतर्क होना चाहिए था. इधर शनिवार को बकरीद के मौके पर ऑल इंडिया माइनोरिटी फोरम के चेयरमैन व सांसद इदरीस अली ने लोगों को बधाई दी है.
आशु मोगिया ने की गोरक्षा की अपील
कोलकाता. राष्ट्रीय गोरक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशु मोगिया ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद देश में गोहत्या बंद नहीं हो रही है. श्री मोगिया ने कलकत्ता प्रेस क्लब में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में स्वीकार किया कि गोरक्षा के नाम पर देश में 80 फीसदी दुकानदारी हो रही है. इस पर लगाम लगनी चाहिए. उन्होंने मुख्यमंत्री व राज्यपाल से मुलाकात कर राज्य में गोहत्या बंद करने की अपील की. इस अवसर पर आचार्य राममिलन शुक्ल, महंत रामप्रिय दास तथा रश्मी शर्मा उपस्थित थे.

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