एसएफडीसी के प्रबंधन निदेशक सौम्यजीत दास ने बताया कि यौनकर्मियों को पाककला से लेकर मत्स्य प्रसंस्करण तक का प्रशिक्षण दिया जायेगा. पूजा के दौरान उनके फूड पवेलियनों के लिए वे भोजन पकायेंगी. दुर्बार के अधिकारी स्मरजीत जाना ने कहा कि यौनकर्मियों का प्रशिक्षण सोमवार से शुरू होगा. मत्स्य विभाग ने उनसे पूछा था कि क्या कुछ महिलाएं उनकी रसोई और मत्स्य प्रसंस्करण इकाइयों में मदद दे सकती हैं.
इस पर उन्होंने यौनकर्मियों से उनकी राय पूछी जिसमें कई महिलाओं और उनके बच्चों ने खानसामा के तौर पर काम करने की इच्छा जताई. इस कदम का उन्होंने खासतौर पर स्वागत किया जो दुनिया के इस सबसे पुराने पेशे को छोड़ना चाहती हैं और जिनके बच्चे इस पेशे के साथ लगने वाले कलंक से मुक्ति पाना चाहते हैं. पहले समूह में कुल 30 यौनकर्मियों को एसएफडीसी के प्रशिक्षण में भेजा जाएगा. उनके लिए कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा. सौम्यजीत दास ने कहा कि राज्य की प्रसंस्करण इकाइयों में उन्हें लोगों की जरूरत है क्योंकि कई फूड चेन, ऑनलाइन ग्रॉसरी शॉप और सुपर मार्केट से नियमित तौर पर उन्हें बड़े-बड़े ऑर्डर मिलते हैं. ऐसे में उनकी खानसामे की भूमिका महज पूजा तक सीमित नहीं रहेगी.