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बंगाल : शिक्षा के भगवाकरण का हो रहा प्रयास : पार्थ चटर्जी
आरोप. यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के फैसले पर भड़के राज्य के शिक्षा मंत्री, कहा कोलकाता : कॉलेजों व विश्वविद्यालयों के छात्रों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण अनिवार्य रूप से सुनाने के यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) के फैसले पर राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी भड़क गये हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि यूजीसी के इस नये […]
आरोप. यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के फैसले पर भड़के राज्य के शिक्षा मंत्री, कहा
कोलकाता : कॉलेजों व विश्वविद्यालयों के छात्रों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण अनिवार्य रूप से सुनाने के यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) के फैसले पर राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी भड़क गये हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि यूजीसी के इस नये फरमान के माध्यम से केंद्र शिक्षा का भगवाकरण करने का प्रयास कर रहा है.
शुक्रवार को नवान्न में मीडिया से बात करते हुए श्री चटर्जी ने कहा कि केंद्र की अच्छे दिन की सरकार छात्रों के बात करना चाहती है, कहा जा रहा है कि हॉल किराये पर लो. विश्वविद्यालयों को कहा जा रहा है कि टीवी प्रोजेकेक्टर लगाआे.
विवेकानंद को सामने रख कर प्रधानमंत्री बात रखेंगे, जिसे छात्रों को सुनना होगा. यूजीसी का ऐसा तुगलकी फैसला मैंने कभी नहीं देखा है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह बेहद चिंता का विषय है कि शिक्षा विभाग को नहीं, बल्कि केंद्रीय एवं राज्य के विश्वविध्यालयों को पत्र के द्वारा निर्देश भेजा जा रहा है.
यह एक तरह का तुगलकी फरमान. सीधे-सीधे कहा जाये तो ताकत के बल पर शिक्षा का भगवाकरन किया जा रहा है.श्री चटर्जी ने कहा कि विवेकानंद केवल हमारे लिए नहीं बल्कि सारी दुनिया के लिए आदर्श पुरुष हैं, पर उनके साथ दीनदयाल उपाध्याय को शामिल कर अच्छा काम नहीं किया गया है. जो पत्र भेजा गया है, उसमें दीनदयाल उपाध्याय की जयंती को अधिक अहमियत दी गयी है. पत्र में स्वामीजी पर अधिक ध्यान केंद्रीत नहीं किया गया है.
श्री चटर्जी ने कहा कि इसका असल उद्देश्य आरएसएस व भाजपा के छत्रछाया में चल रहे संगठनों का शिक्षा के क्षेत्र में घुसने का प्रयास है. हम लोग ऐसा नहीं होने देंगे.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम के संबंध में राज्य से कोई बात नहीं की गयी है. यूजीसी ने तुगलकी फैसला लिया है. विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलरों पर फैसला लादने का प्रयास किया जा रहा है. हम लोगों के पास इस संबंध में कोई पत्र नहीं आया है, इसलिए हम लोग भी विश्वविद्यालयों को कोई निर्देश नहीं दे रहे हैं. शिक्षा का भगवाकरन नहीं करने देंगे. शिक्षा केवल शिक्षा है.
यूजीसी के पत्र के अनुसार, 11 सितंबर को दीनदयाल उपाध्याय की जयंती है. उसी दिन स्वामी विवेकानंद के शिकागो भाषण की 125 वीं वर्षगांठ है. यूजीसी ने सभी राज्यों के कॉलेजों व विश्वविद्यालयों को यंग इंडिया-न्यू इंडिया नामक कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया है. पत्र में दिल्ली से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण को सुनने का निर्देश दिया गया है.
राज्य का नाम बदलने से संबंधित एक आैर प्रस्ताव केंद्र को भेजगी सरकार
नये प्रस्ताव में राज्य का नाम तीनों भाषाआें बांग्ला, हिंदी आैर अंग्रेजी में ‘बांग्ला’ है
पश्चिम बंगाल सरकार राज्य का नाम बदलने से संबंधित एक आैर प्रस्ताव केंद्र को भेजने जा रही है. शुक्रवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया. इससे पहले भेजे गये प्रस्ताव को केंद्र ने वापस लौटा दिया था. बैठक की समाप्ति के बाद मीडिया से बात करते हुए शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल का नाम बदलने के हमारे अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है.
इसके बाद हम लोगों ने मंत्रिमंडल की बैठक में एक आैर प्रस्ताव भेजने का फैसला लिया है. नये प्रस्ताव में राज्य का नाम तीनों भाषाआें बांग्ला, हिंदी आैर अंग्रेजी में बांग्ला है. इससे पहले राज्य सरकार ने केंद्र को जो प्रस्ताव दिया था, उसके अनुसार हिंदी आैर अंग्रेजी में राज्य का नाम बंगाल एवं बंगाली भाषा में बांग्ला रखने का आवेदन किया था, जिसे केंद्र ने ठुकरा दिया. केंद्र के इस रवैये काे देखते हुए अब ममता सरकार तीनों भाषाआें में एक ही नाम रखने का प्रस्ताव भेज रही है.
बर्दवान थाने को तोड़ कर तीन थाना बनाने का फैसला
राज्य सरकार ने बर्दवान थाने को तोड़ कर तीन थाना बनाने का फैसला किया है. शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गयी.
फैसले के अनुसार, बर्दवान थाने को तोड़ कर शक्तिगढ़ आैर दीवानदीघी नामक दो आैर थाने बनाये जायेंगे. राज्य सरकार का माननना है कि इससे बर्दवान थाने पर दबाव कम होगा और कानून व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने के प्रयास में आैर अधिक सफलता मिलेगी. इससे क्षेत्र में अपराध पर नियंत्रण व सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने में सहयोग मिलेगा.
इंफोसिस को राजारहाट में 51 एकड़ जमीन का मालिकाना
कोलकाता : राज्य सरकार ने इंफोसिस को जमीन का मालिकाना सौंप दिया है. शुक्रवार को नवान्न में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया. इस फैसले के अनुसार राजारहाट में आइटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी इंफोसिस को 50 एकड़ जमीन दे दी गयी. इंफोसिस को यह यह जमीन 99 वर्ष के लीज पर दी गयी है. गौरतलब है कि अगस्त महीने के अंत में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय में इंफोसिस के राज्य में आने की खुशखबरी सुनायी थी. मुख्यमंत्री ने जानकारी दी थी कि इंफोसिस बंगाल में 100 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. इंफोसिस एसइजेड के बगैर ही निवेश करने के लिए तैयार हो गयी है.
इंफोसिस के इस कदम से एक हजार लोगों को रोजगार मिलेगा. पश्चिम बंगाल में निवेश करने का इंफोसिस का यह फैसला कोई नया नहीं है. इंफोसिस ने पहले ही यहां निवेश करने का एलान किया था, पर उसकी शर्त थी कि उसे एसइजेड की हैसियत दी जाये, जो ममता सरकार को मंजूर नहीं था. इसके कारण निवेश का यह फैसला कई वर्षों से रुका हुआ था, पर अब कंपनी एसइजेड के बगैर ही 100 करोड़ रुपये राज्य में निवेश करने के लिए तैयार हो गयी है.
इंफोसिस के इस फैसले को देखते हुए राज्य ने भी आनन-फानन में जमीन का मालिकाना कंपनी को सौंप दिया. राज्य सरकार ने एसइजेड की भरपाई के लिए विभिन्न प्रकार की सुविधाएं देने का आश्वासन दिया है.
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