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मिठाई व फूल दिया, ट्यूशन नहीं पढ़ाने की विनती

सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी के प्राइवेट ट्यूटर किसी भी कीमत पर सरकारी स्कूलों शिक्षकों को ट्यूशन पढ़ाने से रोकना चाहते हैं. इसको लेकर पहले प्राइवेट ट्यूटरों ने विरोध प्रदर्शन आदि कर आंदोलन का रूप अख्तियार किया. उसके बाद भी बात नहीं बनी तो गांधीगिरी का रास्ता अपना लिया है. उल्लेखनीय है कि सरकारी स्कूलों के शिक्षक ट्यूशन […]

सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी के प्राइवेट ट्यूटर किसी भी कीमत पर सरकारी स्कूलों शिक्षकों को ट्यूशन पढ़ाने से रोकना चाहते हैं. इसको लेकर पहले प्राइवेट ट्यूटरों ने विरोध प्रदर्शन आदि कर आंदोलन का रूप अख्तियार किया. उसके बाद भी बात नहीं बनी तो गांधीगिरी का रास्ता अपना लिया है. उल्लेखनीय है कि सरकारी स्कूलों के शिक्षक ट्यूशन नहीं पढ़ा सकते. राज्य सरकार की ओर से इस पर रोक लगा दी गई है. उसके बाद भी सरकारी शिक्षक ट्यूशन पढ़ाने से बाज नहीं आ रहे हैं. आरोप है कि सिलीगुड़ी के सभी सरकारी स्कूलों के शिक्षक या तो घर पर या कहीं किराये का मकान लेकर ट्यूशन क्लास चलाते हैं.

इसके अलावा काफी सरकारी शिक्षक हर महीने मोटी तनख्वाह पर कोचिंग स्कूलों में भी पढ़ाते हैं. सरकारी शिक्षकों के इस तरह से खुलेआम ट्यूशन पढ़ाने का विरोध यहां के प्राइवेट ट्यूटर काफी दिनों से कर रहे हैं.

सिलीगुड़ी में ऐसे शिक्षित बेरोजगारों की संख्या काफी है जो ट्यूशन पढ़ाकर अपनी रोजी-रोटी कमा रहे हैं. सरकारी शिक्षकों द्वारा भी घर में ट्यूशन पढ़ाये जाने की वजह से निजी ट्यूटरों को काफी परेशानी होती है. बच्चे उनके मुकाबले सरकारी शिक्षकों से ट्यूशन पढ़ना ज्यादा उचित समझते हैं. अभिभावकों की मानसिकता भी कुछ इसी प्रकार की होती है. कई अभिभावकों का कहना है कि अगर स्कूल के शिक्षक से बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया जाये तो वह शिक्षक न केवल ट्यूशन पढ़ाने के दौरान, बल्कि स्कूल में भी बच्चे पर विशेष ध्यान देते हैं. जाहिर तौर पर निजी ट्यूटरों का पारा चढ़ा हुआ है. सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को ट्यूशन पढ़ाने से रोकने के लिए वेस्ट बंगाल प्राइवेट ट्यूटर वेलफेयर एसोसिएशन नामक एक संगठन का भी गठन हुआ है. इसी संगठन के बैनरतले आंदोलन आदि किये जा रहे हैं. उसके बाद भी बात नहीं बनने पर संगठनों के सदस्यों ने सोमवार को गांधीगिरी का रास्ता अपनाया. संगठन के सदस्यों ने सिलीगुड़ी के विभिन्न इलाकों में सरकारी शिक्षकों के घर पर अभियान चलाया. इस दौरान यह लोग आंदोलन नहीं कर रहे थे, बल्कि सरकारी स्कूल के शिक्षकों को मिठाई तथा फूल देकर गांधीगिरी दिखा रहे थे. इसकी शुरूआत सिलीगुड़ी के रविन्द्रनगर इलाके से हुई.

कई प्राइवेट ट्यूटर वहां इकट्ठे हुए और सरकारी शिक्षकों के घर जाने लगे. उस समय कई शिक्षक अपने-अपने घरों में ट्यूशन पढ़ाने में व्यस्त थे. फूल तथा मिठाई लेकर प्राइवेट शिक्षकों के घर में आते देखते ही इनमें खलबली मच गई. कई शिक्षक मौके से खिसक गये. रविन्द्रनगर इलाके में ही गर्ल्स स्कूल है.

इस इलाके काफी शिक्षक ट्यूशन पढ़ाने का काम करते हैं. इस संबंध में वेस्ट बंगाल प्राइवेट ट्यूटर वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव विवेकानंद साहा ने कहा कि किसी भी सरकारी स्कूल के शिक्षकों के घर कोई प्रदर्शन नहीं किया गया, बल्कि उनके यहां जाकर गांधीगिरी दिखाई गई. उनको फूल तथा मिठाई देकर ट्यूशन नहीं पढ़ाने का अनुरोध किया गया. श्री साहा ने आगे कहा कि राज्य सरकार ने सरकारी शिक्षकों को ट्यूशन पढ़ाने पर पूरी तरह से रोक लगा रखी है. उसके बाद भी सरकारी शिक्षक कानून का उल्लंघन कर रहे हैं. ऐसे में शिक्षित बेरोजगार युवा जो ट्यूशन पढ़ाकर अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं उनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो जायेगा. उन्होंने सिलीगुड़ी के अन्य स्थानों पर भी इसी तरह के अभियान चलाने की घोषणा की.

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