बंगाल में नहीं बदलेगी भाजपा की हालत : पार्थ

कोलकाता: सांगठिनक बैठक के लिए कोलकाता में हैं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, जो लगातार राज्य सरकार पर अपना आक्रमण जारी रखे हुए हैं. आक्रमक शाह को उन्हीं के अंदाज में जवाब दे रहे हैं तृणमूल कांग्रेस के महासिचव पार्थ चटर्जी. उन्होंने कहा कि अमित शाह तीन बार इस राज्य में आकर एक ही बात तीन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 13, 2017 9:04 AM
कोलकाता: सांगठिनक बैठक के लिए कोलकाता में हैं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, जो लगातार राज्य सरकार पर अपना आक्रमण जारी रखे हुए हैं. आक्रमक शाह को उन्हीं के अंदाज में जवाब दे रहे हैं तृणमूल कांग्रेस के महासिचव पार्थ चटर्जी.
उन्होंने कहा कि अमित शाह तीन बार इस राज्य में आकर एक ही बात तीन सौ बार बोल रहे हैं. वे चाहे जितनी बार यहां आयें, यहां कि स्थिति बदलनेवाली नहीं है. सोमवार की बैठक में उन्होंने कहा था कि देश में पश्चिम बंगाल और ओड़िशा विकास के मामले में सबसे पीछे चल रहा है. यदि ऐसा ही है, तो हमलोग अगर पीछे ही चल रहे हैं, तो लगातार पांच बार कृषि पुरस्कार नहीं पाते.

विश्व के पटल पर कन्याश्री को पुरस्कार नहीं मिलता. पूरे देश में हुगली माॅडल नहीं बनता. पार्थ ने शाह को सलाह देते हुए कहा कि उन्हें जो लोग अपडेट करते हैं, वह सही आंकड़े पेश नहीं करते. उन्हें कुछ पता नहीं है. इसलिए उन्हें सही आंकड़ा केंद्र सरकार से लेना चाहिए. केवल एसी कमरे में बैठकर राजनीति नहीं होती. उन्होंने कहा कि शाह दावा कर रहे हैं कि सत्ता में आने के बाद बंगाल की काया पलट देंगे. अब सवाल उठता है कि राम रहीम किसके शासनकाल में इतना बड़ा हुआ? हरियाणा में इतने लोग मरे, वहां किस पार्टी की सरकार है? गुजरात में क्या हो रहा है? उत्तर प्रदेश की हालत क्या है?

उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी गुजरात, बिहार व असम को बाढ़ आने पर राहत पैकेज देते हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल के लिए किसी भी तरह का पैकेज की घोषणा नहीं करते हैं. उन्होंने एसएस अहलुवालिया को गिरफ्तार करने की बात कहते हुए कहा कि जिसके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट है, पुलिस उसे तलाश रही है. उस ‍व्यक्ति की खोज खबर उनके पास है. इसलिए उन्हें गिरफ्तार कर उनसे पूछाताछ कर विमल गुरुंग को गिरफ्तार करना चािहए. उन्होंने भाजपा पर सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि छोटे-छोटे बच्चों के हाथ में हथियार पकड़ा कर यह लोग राजनीति कर रहे हैं. इसे बंगाल की जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी.

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