लगे जय श्रीराम और मोदी-मोदी के नारे

कोलकाता: काशीपुर में दोपहर का भोजन करेंगे अमित शाह. यह खबर मिलते ही उत्तर कोलकाता भाजपा कार्यकर्ताओं में जोश की लहर दौड़ गयी. भाजपा कार्यकर्ता जहां इलाके को सजाने में जुट गये, वहीं उनके विरोधी गुट कार्यक्रम को फ्लाप बनाने में. लेकिन आमलोगों का उत्साह इतना अधिक था कि आखिरकार अमित शाह की रणनीति कारगर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 14, 2017 10:54 AM
कोलकाता: काशीपुर में दोपहर का भोजन करेंगे अमित शाह. यह खबर मिलते ही उत्तर कोलकाता भाजपा कार्यकर्ताओं में जोश की लहर दौड़ गयी. भाजपा कार्यकर्ता जहां इलाके को सजाने में जुट गये, वहीं उनके विरोधी गुट कार्यक्रम को फ्लाप बनाने में. लेकिन आमलोगों का उत्साह इतना अधिक था कि आखिरकार अमित शाह की रणनीति कारगर रही और कार्यक्रम सफल रहा. अलबत्ता काशीपुर में भाजपा का सबसे चर्चित चेहरा आदित्य टंडन नजर नहीं आये. उनके नहीं आने को लेकर जिज्ञासा बनी रही.
कड़ी उमस में पसीने से तर-बतर लोगों का हुजूम बस्ती इलाके में अमित शाह की एक झलक पाने के लिए डटा रहा. आखिरकार जब अमित शाह का काफिला पहुंचा, तो लोग जय श्रीराम के नारे लगाने लगे. भाजपा जिंदाबाद कहनेवाला कोई नहीं दिखा. अलबत्ता शाह को देखकर लोग मोदी-मोदी के नारे जरूर लगा रहे थे.
कार्यक्रम को सफल बनाने में राजू बनर्जी और प्रदेश महासचिव प्रताप बनर्जी सुबह से ही लगे हुए थे. उनके सहयोग में मंडल अध्यक्ष पारस यादव और राज्य कमेटी के सदस्य राजेश यादव के साथ जिला अध्यक्ष दिनेश पांडे व आशीष त्रिवेदी जुटे हुए थे. पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़नेवाली डॉ प्रमिला सिंह और प्रभाकर तिवारी तो दिखे, लेकिन विधानसभा में चुनाव लड़नेवाले पार्टी के सबसे पुराने कार्यकर्ता आदित्य टंडन कहीं नजर नहीं आये. चूंकि हर पर्व त्योहार और आंदोलन के समय यह चेहरा भाजपा की पहचान बन गया है.

काशीपुर के लोग जानते हैं कि जब बंगाल में भाजपा का कोई नाम लेनेवाला नहीं था, उस वक्त इनके पिता हरिकिशन टंडन और मां भाजपा का झंड़ा थामे हुए थे. आदित्य टंडन अपने परिवार की चौथी पीढ़ी हैं, जो भाजपा में हैं. बचपन से संघ के कार्यकर्ता और भाजपा के नेता बने आदित्य की गैरमौजूदगी की वजह जानने के लिए जब उनसे पूछा गया, तो उन्होंने पार्टी के निचले स्तर पर चल रही गुटबाजी का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि मौजूदा नेतृत्व अपने स्वार्थ के लिए उन्हें दरकिनार करने में लगा है. उनका इशारा संगठन के महामंत्री सुब्रत चटर्जी और उनकी टीम के प्रति था. उनका कहना है कि अगर वह वहां जाते, तो वहां पर हंगामा होता, जिससे पार्टी की छवि खराब होती, इसलिए वह पार्टी हित में वहां नहीं गये. अलबत्ता उन्होंने काशीपुर की जनता का आभार प्रकट किया है कि उन्होंने उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष को इतना प्यार और सम्मान दिया. हालांकि इस बारे में जब भाजपा के संगठन महामंत्री शिव प्रकाश से पूछा गया, तो उन्होंने साफ कहा कि इस तरह की छोटी-मोटी घटनाएं होती रहती हैं.

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